नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। इसके साथ ही उनकी सरकार का तीसरा कार्यकाल शुरू हो गया। उनके साथ 70 और मंत्रियों ने शपथ ली। रविवार को शाम साढ़े सात बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। प्रधानमंत्री ने ईश्वर के नाम की शपथ ली। मोदी के बाद राजनाथ सिंह को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। उनके बाद अमित शाह और फिर नितिन गडकरी ने शपथ ली। मोदी सरकार के शीर्ष चारों मंत्रियों में शामिल निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर को भी फिर से मंत्री बनाया गया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पहली बार मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है। असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल फिर से मंत्री बने हैं। इनके अलावा दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। एचडी कुमारस्वामी और जीतन राम मांझी कैबिनेट मंत्री बने हैं। प्रधानमंत्री मोदी के साथ कुल 30 कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। इनके अलावा पांच स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्रियों और 36 राज्यमंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार में कुल 71 मंत्री बनाए गए हैं। उत्तर प्रदेश से नौ और बिहार से आठ मंत्री बनाए गए हैं।
भाजपा की दो बड़ी सहयोगी पार्टियों, जनता दल यू और तेलुगू देशम पार्टी से दो-दो मंत्री बनाए गए हैं। जदयू की ओर से राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और टीडीपी की ओर से राममोहन रेड्डी कैबिनेट मंत्री बने हैं। नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति भवन में सात देशों के नेताओं के अलावा देश के अनेक फिल्मी सितारे और कारोबारियों ने हिस्सा लिया। रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी अपने बेटे के साथ शपथ समारोह में पहुंचे। फिल्मी सितारों में तमिल फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत के साथ शाहरुख खान, अक्षय कुमार, विक्रांत मेसी, रवीना टंडन, राजकुमार हिरानी आदि शामिल हुए।
इससे पहले नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि और नेशनल वॉर मेमोरियल गए। इस बीच खबर है कि नई सरकार में कैबिनेट मंत्री पद नहीं मिलने से एनसीपी नेता अजित पवार नाराज हैं। उनका एक ही लोकसभा सांसद है और भाजपा की ओर से स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री का पद ऑफर किया गया था। लेकिन उन्होंने मना कर दिया। सात लोकसभा सांसदों वाले एकनाथ शिंदे की शिव सेना को भी कोई कैबिनेट मंत्री पद नहीं मिला है।