इम्फाल। पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में शांति बहाली के सारे दावे गलत साबित हुए हैं। इंटरनेट पर पाबंदी हटाने के एक दिन बाद ही सोमवार को दो गुटों में भयंकर गोलीबारी हुई, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई है। खबरों के मुताबिक सोमवार की सुबह साढ़े 10 बजे दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी में 13 लोगों की मौत हो गई। घटना म्यांमार सीमा से लगे कुकी बहुल इलाके टेंग्नौपाल जिले के लीथू गांव की है।
असम राइफल्स की ओर से बताया गया है कि, इलाके के एक विद्रोही समूह ने म्यांमार जा रहे उग्रवादियों पर ये हमला किया है। मारे गए लोगों की पहचान नहीं हो पाई है। गौरलब है कि पिछले दिनों मणिपुर के सबसे पुराने अलगाववादी समूह यूएनएलएफ के साथ भारत सरकार ने शांति समझौता किया, जिसके बाद इसके उग्रवादियों ने हथियार डाल दिए थे। उसके बाद माना जा रहा था कि अब उग्रवादी समूहों में हिंसा नहीं होगी। गौरतलब है कि राज्य में पिछले सात महीने से जातीय हिंसा चल रही है, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
बहरहाल, मणिपुर सरकार ने तीन दिसंबर को कुछ इलाकों को छोड़ कर राज्य में मोबाइल इंटनेट सेवाएं 18 दिसंबर तक के लिए बहाल की थीं। इसके एक दिन बाद ही गोलीबारी की यह घटना हो गई। गौरतलब है कि राज्य में कुकी और मैती समूह के बीच आरक्षण को लेकर तीन मई से हिंसा जारी है। हिंसक घटनाओं में अब तक दौ से ज्यादा लोग मारे गए हैं और 50 हजार से ज्यादा लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। अब तक अलग अलग घटनाओं के हजारों मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से कुछ मामलों की जांच सीबीआई कर रही है। राज्य में कुकी और मैती की विभाजन इतना गहरा हो गया है कि दोनों समुदायों के लोग पूरी तरह से अलग अलग इलाकों में रह रहे हैं।