इंफाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से अपने भाषण में कहा था कि मणिपुर में फिलहाल शांति है और पिछले कुछ दिन से हिंसा नहीं हुई है। इस भाषण के तीन दिन बाद ही राज्य में फिर से हिंसा भड़क गई है और तीन लोगों की हत्या हो गई है। पहले गोलीबारी होने की खबर आई और उसके बाद तलाशी में तीन लोगों के शव मिले। हालांकि मरने वालों की शरीर पर तेज चाकू से काटे जाने के निशान हैं। इसका मतलब है कि गोलीबारी के अलावा भी हिंसा हुई है।
पुलिस के मुताबिक शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े पांच बजे उखरुल जिले के लिटन के पास थोवई कुकी गांव में गोलीबारी हुई। इस गोलीबारी में गांव के तीन लोगों के मारे जाने की खबर है। बताया जा रहा है कि ये तीनों वालंटियर्स थे। कुकी समुदाय के संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम की ओर से कहा गया है कि मैती लोगों ने हमला किया था, जिसमें तीन लोग मारे गए हैं। उन्होंने मारे गए लोगों के नाम बताए हैं। उनके मुताबिक मरने वालों में 26 साल का जामखोगिन, 35 साल का थांगखोकाई और 24 साल का हॉलेंसन शामिल है।
समाचार एजेंसी की की रिपोर्ट के मुताबिक, लिटन पुलिस ने बताया कि शुक्रवार की सुबह भारी गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं। इसके बाद पुलिस ने आसपास के गांवों और जंगलों में तलाशी ली। जहां से उन्हें तीन लोगों के शव मिले। तीनों के शरीर पर तेज चाकू से चोट के निशान हैं और उनके अंग भी कटे हुए हैं। गौरतलब है कि राज्य में तीन मई से लगातार हिंसा चल रही है और कुकी व मैती समुदाय के लोग एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। अब तक इस हिंसा में 160 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और हजारों लोग राहत शिविरों में रह रहे है।
बहरहाल, राज्य में दोबारा शुरू हुई हिंसा के बीच सीपीएम का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के तीन दिन के दौरे पर गया है। पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि वहां स्थिति खतरनाक है। दूसरी ओर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कुकी नेताओं की ओर से प्रधानमंत्री से अलग प्रशासन की मांग किए जाने पर कहा है कि लोकतंत्र में हर किसी को स्वतंत्र रूप से बोलने का अधिकार है। गौरतलब है कि संसद सत्र के दौरान विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ के 21 नेताओं ने मणिपुर का दौरा किया था। बाद में अविश्वास प्रस्ताव के बहाने लोकसभा में मणिपुर पर चर्चा हुई थी।