नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ में ‘अनैतिक व अशोभनीय आचरण’ के हवाले सदन की सदस्यता से निष्कासित किया गया। मोइत्रा ने अपने इस निष्कासन की तुलना ‘कंगारू अदालत’ द्वारा सजा दिया जाना बताया। उन्होने आरोप लगाया कि सरकार लोकसभा की आचार समिति को विपक्ष के खिलाफ हथियार बना रही है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस ने स्पीकर से कई बार आग्रह किया कि मोइत्रा को सदन में अपना पक्ष रखने का मौका मिले, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसदीय परिपाटी का हवाला देते हुए इससे इनकार किया। उन्होने बाद में कहा कि आचार समिति के निष्कर्षों को यह सभा स्वीकार करती है। सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण अनैतिक और संसद सदस्य के रूप में अशोभनीय है। इस कारण उनका लोकसभा सदस्य बना रहना उपयुक्त नहीं होगा। इसलिए यह सभा संकल्प करती है कि उन्हें लोकसभा की सदस्यता से निष्कासित कर दिया जाए।’’
इसके बाद सदन ने ध्वनिमत से प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। प्रस्ताव पारित होने से पहले ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दलों के सदस्य सदन से बाहर चले गए।