नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने तृणमूल कांग्रेस की फायरब्रांड सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर लोकसभा में सवाल पूछने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिख कर इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाने का अनुरोध किया है। दूसरी ओर महुआ मोइत्रा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे किसी भी जांच का स्वागत करती हैं। उन्होंने कहा है कि ईडी भी चाहे तो उनके दरवाजे पर आ सकती है। उन्होंने इसके साथ ही निशिकांत दुबे पर लगाए गए फर्जी डिग्री के आरोप भी दोहराए।
बहरहाल, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि महुआ ने नकद पैसे और उपहार लेकर संसद में सवाल पूछे थे। उन्होंने कहा है कि विदेश में बसे कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेकर सवाल पूछे गए थे आरोप है कि महुआ मोइत्रा ने अदानी ग्रुप के खिलाफ संसद में सवाल पूछे और दर्शन हीरानंदानी को लाभ पहुंचाने की कोशिश की। दुबे ने स्पीकर से महुआ मोइत्रा को तत्काल निलंबित करने की मांग की है। उन्होंने यह शिकायत एक वकील जय अनंत देहाद्रेई की ओर से लिखे पत्र के आधार पर दर्ज करवाई है। बताया जा रहा है कि वकील ने 38 पन्नों की चिट्ठी दी है, जिसमें उन्होंने महुआ मोइत्रा के पूछे सवालों के लिंक भी दिए हैं।
आरोप है कि लोकसभा में सवाल पूछने के बदले हीरानंदानी ने महुआ को नकद पैसे और उपहार दिए थे। यह भी कहा गया है कि 2019 का चुनाव लड़ने के लिए महुआ को 75 लाख रुपए दिए गए थे। आरोपों में कहा गया है कि महुआ मोइत्रा ने दर्शन हीरानंदानी को अपने लोकसभा अकाउंट का एक्सेस दिया था और लोकसभा में पूछे गए सवाल या तो दर्शन ने खुद पोस्ट किए या दर्शन के कहने पर महुआ ने पोस्ट किए थे। इसमें कहा गया है कि 2019 से 2023 के बीच पूछे गए 61 सवालों में से 50 सवाल हीरानंदानी के कहने पर पूछे गए थे। गौरतलब है कि इस तरह का मामला 2005 में भी आया था, तब कई सांसदों को सदस्यता गंवानी पड़ी थी।