नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले रविवार को विपक्षी पार्टियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की। कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों के नेता चुनाव आयोग से मिलने पहुंचे और वोटों की गिनती के दिन कुछ नियमों को लागू करने की मांग की। विपक्षी नेताओं ने मतदान के दिए पोलिंग एजेंट्स के सामने ईवीएम को सील करने की जो प्रक्रिया होती है, उसे काउंटिंग एजेंट्स के सामने वेरिफाई किया जाए। पोस्टल बैलेट की गिनती को लेकर भी विपक्षी नेताओं ने अपनी राय रखी।
विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग के सामने कुल पांच मांगें रखीं। प्रतिनिधिमंडल में शामिल कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा- हम गठबंधन के नेता तीसरी बार एक साथ चुनाव आयोग आए हैं। हमने हमारी चिंताओं को चुनाव आयोग को बताया और चर्चा की। उन्होंने विपक्ष की मांगों के बारे में कहा- पोस्टल बैलट चुनाव के परिणाम को बदल देते हैं। चुनाव आयोग का प्रावधान है की पोस्टल बैलट की गिनती पहले की जाएगी। हमारा भी यह कहना है कि पोस्टल बैलट की गिनती पहले हो उसके बाद ईवीएम की गिनती हो। लेकिन पोस्टल बैलट का रिजल्ट पहले आना चाहिए, उसके बाद ईवीएम का।
विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग से कहा कि नियमों के तहत वोटों की गिनती हो और पर्यवेक्षक इन नियमों को लागू कराएं। इसके बाद विपक्ष ने कहा कि मतगणना की सीसीटीवी से निगरानी हो और कंट्रोल यूनिट का वेरिफिकेशन हो। विपक्ष की चौथी मांग यह थी कि मशीन से जो डेटा आए उसे कंफर्म किया जाए। विपक्ष की पांचवीं मांग यह थी कि ईवीएम को जब सील किया जाता है, तो उसे वेरिफाई करने के लिए काउंटिंग एजेंट होते हैं। काउंटिंग के दौरान उसे फिर से कंफर्म किया जाए।
विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ के प्रतिनिधिमंडल में अभिषेक सिंघवी के अलावा सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई महासचिव डी राजा, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, राष्ट्रीय जनता दल के संजय यादव और कांग्रेस के नासिर हुसैन व सलमान खुर्शीद शामिल थे। विपक्षी गठबंधन के नेताओं की मुलाकात के बाद भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के नेता भी चुनाव आयोग से मिलने पहुंचा। गौरतलब है कि शनिवार को विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने बैठक कर चार जून की मतगणना के लिए रणनीति बनाई थी। बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि वे रविवार को चुनाव आयोग से मिलकर कुछ मुद्दों पर बात करेंगे। विपक्षी दलों ने अपने एजेंट्स को निर्देश दिया है कि वे वोटों की गिनती की प्रक्रिया पर करीब से नजर रखेंगे। साथ ही यह सुनिश्चित करेंगे कि हर पोलिंग स्टेशन में रिकॉर्ड किए गए वोटों के आंकड़े वाला फॉर्म 17 सी उनके साथ शेयर किया जाएगा।