नई दिल्ली/चंडीगढ़। किसान आंदोलन के नौवें दिन बुधवार को शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर किसानों और जवानों के बीच चल रहे टकराव के बीच केंद्र सरकार ने एक बार फिर वार्ता का प्रस्ताव रखा है। केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि सरकार फिर से वार्ता के लिए तैयार है। इससे पहले चार दौर की वार्ता हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। केंद्र सरकार की ओर से तीन केंद्रीय मंत्रियों- पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय ने वार्ता की। सरकार ने पांच फसलों के लिए एमएसपी का प्रस्ताव दिया था, जिसे किसानों ने खारिज कर दिया।
अब सरकार के साथ पांचवें दौर की वार्ता के लिए किसानों ने शर्त रखी है। किसानों ने कहा कि उन्हें सरकार के साथ वार्ता में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन सरकार पहले बताए कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी को कानूनी गारंटी देने के मामले में सरकार क्या सोच रही है। वह अपनी सोच बताए। इससे पहले किसानों ने आरोप लगाया था कि सरकार के मंत्री वार्ता के लिए तीन तीन घंटे की देरी से आ रहे हैं। इससे लगता है कि सरकार गंभीर नहीं है।
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बहरहाल, वार्ता के प्रस्तावों के बीच पंजाब और हरियाणा की सीमा पर संपूर्ण नाकाबंदी कर दी गई, जबकि दिल्ली व हरियाणा सीमा पर पुलिस ने सुरक्षा को चौकस बंदोबस्त किए हैं। इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार किसानों से पांचवें दौर की वार्ता के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस बातचीत के दौरान सरकार तमाम तरह के मुद्दों पर चर्चा के लिए भी तैयार है। अर्जुन मुंडा ने दिल्ली की तरफ मार्च कर रहे किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
कृषि मंत्री ने किसानों से बातचीत के प्रस्ताव को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- सरकार पांचवें दौर में सभी मुद्दे जैसे की एमएसपी की मांग, फसलों की विविधता, पराली का विषय, एफआईआर पर बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने लिखा- मैं दोबारा किसान नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूं। हमें शांति बनाए रखना जरूरी है। उधर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन के मामले में हरियाणा सरकार हाई कोर्ट पहुंची है। सरकार ने ट्रैक्टर ट्रॉली इकठ्ठा नहीं करने की अपील की है। साथ ही हरियाणा सरकार ने बॉर्डर पर जाम न लगाने की अपील भी की है।