चंडीगढ़। पंजाब में चल रहा किसान आंदोलन हरियाणा पहुंच गया है। शुक्रवार को हरियाणा के हिसार में किसानों और जवानों के बीच हिंसक झड़प हो गई। पुलिस और किसानों के टकराव में करीब 40 लोग घायल हुए हैं। पुलिस का दावा है कि किसानों ने पथराव किया, जिसमें 24 पुलिसकर्मी घायल हुए। दूसरी ओर किसानों का दावा है कि पुलिस ने उनको खनौरी बॉर्डर तक जाने से रोका और आंसू गैस के गोले छोड़े। Kisan Andolan Update
असल में शुक्रवार को किसान खनौरी बॉर्डर पर इकट्ठा पंजाब के किसानों के पास जाना चाहते थे लेकिन पुलिस ने रोक लिया। इसके बाद किसानों को वहां से हटाने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके जवाब में किसानों ने पथराव कर दिया। इस झड़प में 24 पुलिसकर्मी और 16 किसान घायल हो गए। गौरतलब है कि खनौरी बॉर्डर पर ही 21 साल के युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत हुई थी। किसानों का आरोप है कि पुलिस की कार्रवाई में शुभकरण की जान गई है। शुक्रवार को पंजाब सरकार ने शुभकरण के परिवार को एक करोड़ रुपए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की।
बहरहाल, शुक्रवा को हरियाणा में हिसार के खेड़ी चौपटा में पुलिस और किसानों में टकराव हुआ। पुलिस के लाठीचार्ज करने के बाद भड़के किसानों ने पुलिस पर पत्थर बरसाए। बताया जा रहा है कि खेड़ी चौपटा पुलिस चौकी पर भी पत्थर फेंके गए। इस बीच किसान सभा के जिला प्रधान शमशेर नंबरदार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने किसानों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया। उनके ऊपर आंसू गैस छोड़ी गई। उनके ट्रैक्टरों के टायरों में कीलें ठोकी गई हैं। इस दौरान 16 किसान घायल हुए हैं और 30 किसानों को हिरासत में लिया गया।
गौरतलब है कि हरियाणा के किसान अभी तक आंदोलन में शामिल नहीं हुए हैं। लेकिन पंजाब के किसानों के समर्थन में जो छिटपुट आंदोलन हो रहे हैं उसे लेकर हरियाणा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई का ऐलान किया था। उसने किसानों से सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई करने और किसानों पर सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए लगाने की घोषणा की थी। लेकिन सरकार ने इस आदेश को वापस ले लिया। अंबाला रेंज के पुलिस महानिरीक्षण सिबाश कबिराज ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
बहरहाल, शुक्रवार को किसान आंदोलन का 11वां दिन था। इससे पहले नौवें दिन यानी 21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर शुभकरण की मौत के बाद किसानों ने दिल्ली मार्च को रोक दिया था। लेकिन शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने काला दिवस मनाया।