नई दिल्ली। केरल में सिलसिलेवार बम धमाकों को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है। इस मामले की संवेदनशीलता को समझते हुए रविवार को धमाकों के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। अमित शाह ने अधिकारियों से घटना की पूरी जानकारी ली। इसके अलावा धमाकों की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी, एनआईए और खुफिया ब्यूरो यानी आईबी की टीम को केरल भेजने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि अमित शाह 28 अक्टूबर से तीन दिन के दौरे पर मध्य प्रदेश में हैं। वे मीटिंग में वर्चुअल तरीके से जुड़े। गौरतलब है कि इजराइल और हमास जंग के बीच केरल में फिलस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन हुए हैं। इस वजह से यह मामला बेहद संवेदनशील हो गया है। प्रदर्शन के अगले ही दिन सिलसिलेवार धमाके हुए हैं, जिसकी वजह से इसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। धमाका जिस इलाके में हुआ वहां बड़ी संख्या में यहूदी रहते है। इसलिए शुरुआत में हमास के हमले की बात कही गई थी।
गौरतलब है कि केरल के मल्लपुरम में शुक्रवार को फिलस्तीन के समर्थन में एक रैली हुई थी, जिसमें हमास नेता खालिद मशेल भी वर्चुअल तरीके से शामिल हुआ। जमात ए इस्लामी के यूथ विंग सॉलिडेरिटी यूथ मूवमेंट की ओर से हुई इस रैली में ‘बुलडोजर हिंदुत्व और रंगभेदी यहूदीवाद उखाड़ फेंको’ के नारे लगाए गए थे। भाजपा ने इस पर कार्रवाई की मांग की है। भाजपा के केरल के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने इस रैली के विरोध में सोशल मीडिया पर लिखा कि केरल में सॉलिडेरिटी कार्यक्रम में हमास नेता खालिद मशेल का वर्चुअली भाषण देना चिंताजनक है। उन्होंने मुख्यमंत्री विजयन पर निशाना साधते हुए कहा कि वे फिलस्तीन बचाओ की आड़ में एक आतंकवादी संगठन हमास और उसके नेताओं को योद्धा की तरह दिखा रहे हैं, यह गलत है।