नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इजराइल की बर्बरता को लेकर नई और हैरान करने वाली रिपोर्ट आ रही है। अमेरिकी मीडिया समूह ‘सीएनएन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते इजराइली सेना ने कमल अदवान अस्पताल पर हमले किए थे। वहां के स्टाफ और मरीजों ने बताया कि सैनिकों ने बुलडोजर से फिलस्तीनियों के शव हटाए। आतंकवादी होने के शक में कई डॉक्टरों पर गोली चलाई। एक स्टाफ ने कहा- व्हीलचेयर पर एक बीमार पेशेंट बैठा था। सेना का कुत्ता उसे नोचता रहा लेकिन सैनिकों ने कुत्ते को ऐसा करने से नहीं रोका।
इजराइली सेना ने इस अस्पताल में आठ दिन तक ऑपरेशन चलाया। सेना का कहना है कि यह अस्पताल हमास का कमांड एंड कंट्रोल सेंटर है। ‘सीएनएन’ की रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल के बाल चिकित्सा सेवा प्रमुख होसाम अबू सफिया ने कहा- सैनिकों ने कब्रें खोदीं और शवों को बुलडोजर से घसीटा, फिर शवों को बुलडोजर से कुचला गया। इसके पहले इजराइली टैंकों ने कब्रिस्तान में कब्रों को रौंदा था।
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइली टैंकों ने शाजाये शहर के ट्यूनीशियाई कब्रिस्तान, जबलिया के अल फलूजा कब्रिस्तान सहित छह कब्रिस्तानों को तबाह कर दिया। इस बीच इजराइली सेना ने हमास और इस्लामिक जिहाद से जुड़े करीब दो सौ फिलस्तीनियों को गिरफ्तार किया है। ‘बीबीसी’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हमास और इस्लामिक जिहाद के इन सदस्यों को पिछले सात दिनों में गिरफ्तार किया गया है। इजराइल का कहना है कि सात अक्टूबर को शुरू हुई इजराइल हमास जंग में दोनों आतंकी संगठनों से जुड़े अब तक सात सौ से ज्यादा सदस्य गिरफ्तार हुए हैं। इनमें से कई सदस्यों ने सरेंडर किया है। ये आम लोगों के बीच छिपे हुए थे।