तेल अवीव। इजराइल और हमास के बीच हुए चार दिन के युद्धविराम की अवधि सोमवार की आधी रात को खत्म हो गई। लेकिन दोनों पक्ष युद्धविराम बढ़ाने पर राजी हैं। दोनों के बीच युद्धविराम की शर्तों पर देर रात तक बातचीत चल रही थी। कतर के न्यूज चैनल ‘अलजजीरा’ के मुताबिक, इजराइल का कहना है कि वो युद्धविराम बढ़ाने के लिए तैयार है लेकिन शर्त यही रहेगी कि हमास 50 और बंधकों को आजाद करे। इजराइल सरकार के प्रवक्ता इलोन लेवी ने कहा- हमास को गाजा में कैद 50 और बंदियों की आजादी के बदले में युद्धविराम को बढ़ाने की इजराइल की इच्छा के बारे में पता है।
गौरतलब है कि 24 नवंबर को शुरू हुए चार दिन के युद्धविराम में 50 इजराइली बंधकों और बदले में डेढ़ सौ फिलस्तीनी कैदियों को रिहा करने का करार हुआ था। इसकी अवधि खत्म होने के बाद इजराइल ने इस करार को बढ़ाने की सहमति जताई है। हमास की कैद में अब भी 184 बंधक हैं। इस बीच अमेरिकी मीडिया हाउस ‘सीएनएन’ की रिपोर्ट के मुताबिक कई कैदियों ने बताया है कि हमास ने उन्हें भूखा रखा। रोज खाना नहीं दिया, जो दिया वो काफी नहीं था। हालांकि रिहा हुए बंधकों के शरीर पर कहीं चोट के निशान नहीं हैं, उन्हें इजराइल ने स्वस्थ बताया है।
इजरायल और हमास के बीच सात अक्टूबर से युद्ध शुरू हुआ था। युद्ध शुरू होने के बाद 49 दिन तक इजराइल ने गाजा पट्टी पर लगातार बमबारी की और जमीनी कार्रवाई भी की, जिसमें 14 हजार फिलस्तीनी मारे गए। उसके बाद 24 नवंबर को दोनों के बीच चार दिन की युद्धविराम हुआ। इसकी शर्तों के मुताबिक हमास ने 63 बंधकों को किया रिहा, जबकि इजरायल ने भी 117 फिलस्तीनी कैदी आजाद किए। हमास ने 27 नवंबर की सुबह 17 बंधकों को और छोड़ दिया। इसमें चार साल की एक इजरायली-अमेरिकी लड़की भी शामिल है। हमास की ओर से छोड़े गए बंधकों में एक अमेरिकी, 39 इजरायली और 17 थाई नागरिक शामिल हैं।
इस बीच खबर है कि इजराइल और हमास दोनों युद्धविराम बढ़ाने पर सहमत हैं। हमास ने रविवार को ही एक बयान जारी कर युद्धविराम जारी रखने की अपनी मंशा जाहिर की थी। हमास और फिलस्तीनियों को रिहा कराने के पक्ष में है। बताया जा रहा है कि इसलिए वह युद्धविराम को चार दिन और बढ़ाना चाहता है। दूसरी ओर इजराइल भी युद्धविराम चाहता है ताकि कम से कम 50 और बंधकों को रिहा कराया जा सके। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस मामले पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर बात की है और उन्होंने राष्ट्रपति को बताया कि उन्हें युद्धविराम आगे जारी रखने में कोई दिक्कत नहीं है।