तेल अवीव। हमास के हमले के बाद इजराइल की जवाबी कार्रवाई से गाजा में तबाही मची है। इजराइल की सेना हवाई हमले के साथ साथ गाजा में जमीनी कार्रवाई भी कर रही है और उसका ताजा निशाना गाजा का सबसे बड़े अस्पताल है। पिछले हफ्ते इजराइल ने अल शिफा अस्पताल पर हमला किया था, जिसमें 13 लोग मारे गए थे। उसके बाद से इजराइल के टैंक अस्पताल के गेट पर खड़े हैं और बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई है। इससे अस्पताल कब्रिस्तान में तब्दील हो रहा है।
गाजा के सबसे अस्पताल अल शिफा अस्पताल के गेट के बाहर इजरायली सेना के टैंक खड़े हैं। अस्पताल में फ्यूल की सप्लाई खत्म हो जाने से कामकाज ठप हो गया है, जिससे भयावह स्थिति पैदा हो गई है। ये अस्पताल कब्रिस्तान में तब्दील होता जा रहा है। हर दिन मरीजों की मौत हो रही है। अस्पताल के मुताबिक, कैंपस के अंदर ही एक सामूहिक कब्र में 179 मरीजों को दफनाया गया है। इनमें नवजात बच्चे भी शामिल हैं।
खबरों के मुताबिक, अल शिफा अस्पताल के प्रमुख मोहम्मद अबू सालमिया ने मंगलवार को क्षेत्र में विनाशकारी मानवीय संकट के बारे में बताते हुए कहा- हमें उन्हें सामूहिक कब्र में दफनाने के लिए मजबूर किया गया। अस्पताल की फ्यूल सप्लाई खत्म होने के बाद इंटेंसिव केयर यूनिट से सात बच्चों और 29 मरीजों को दफनाया गया। कैंपस में लाशें बिखरी हुई हैं और अब बिजली नहीं है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र संघ का कहना है कि 10 हजार से ज्यादा लोग अल शिफा अस्पताल के अंदर हो सकते हैं। इनमें आम लोग, मरीज, विस्थापित लोग भी शामिल हैं।
दूसरी ओर ‘टाइम्स ऑफ इजरायल’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल ने हमास पर अस्पतालों और मरीजों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। उधर एक दूसरी घटना में, इजराइल ने हमास के एक ज्ञात सदस्य के घर से दूसरे अस्पताल तक जाने वाली एक सुरंग की खोज करने का दावा किया है। गाजा के बड़े अस्पताल अल शिफा, अल-नासेर, रनतीसी, अल-कुद्स, अल-अहली अस्पताल में पावर सप्लाई नहीं होने से मरीजों के इलाज में दिक्कत हो रही है। इजराइली सेना का दावा है कि हमास ने बच्चों के रनतीसी अस्पताल के नीचे अपने कमांड सेंटर में ही इजरायली बंधकों को कैद कर रखा था।