नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने रूस में फंसे भारतीय नागरिकों का मुद्दा वहां की सरकार के साथ उठाया है। भारत ने कहा है की उसने बहुत सख्ती से यह मुद्दा वहां की सरकार के साथ उठाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा है कि भारतीय नागरिकों को झूठे वादे करके फंसाने वाले एजेंट्स और अन्य लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की गई है। India pressure russia
उन्होंने कहा है कि भारत सरकार ने रूस में फंसे अपने नागरिकों को जल्दी से जल्दी वहां से निकालने के लिए रूस की सरकार से बात की है।
जायसवाल ने शुक्रवार को बताया कि सीबीआई ने मानव तस्करी के सिलसिले में कई जगह छापा मारा है, जिससे मानव तस्करी के नेटवर्क का खुलासा हुआ है और कई दस्तावेज बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि कई एजेंट्स के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज किया गया है।
बताया जा रहा है कि झूठा वादा करके रूस ले जाए गए 20 लोगों के परिजनों ने सरकार से संपर्क किया है। गौरतलब है कि भारतीयों को वहां सहायक की नौकरी के लिए ले जाया गया है और उनके यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए मजबूर किया गया है।
सरकार ने पिछले महीने स्वीकार किया था कि कुछ भारतीय रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे हुए हैं। वहां फंसे लोगों के परिवार ने दावा किया था कि उनको एजेंटों ने रूस में नौकरी देने का वादा किया था। लेकिन जब वे वहां पहुंचे, तो धोखे से उनसे किसी करार पर दस्तखत करा लिया गया। यह करार रूस की प्राइवेट आर्मी में भर्ती होने के बारे में थे।
इसके बाद उनको यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने को मजबूर किया गया है। इसमें अब तक दो भारतीय नागरिकों की मौत हो चुकी है।