अस्ताना। विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच गुरुवार को एक अहम बैठक हुई, जिसमें दोनों नेता पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद संबंधी बचे हुए मुद्दों के हल के लिए कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से प्रयास दोगुना करने पर सहमत हुए। कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ के शिखर सम्मेलन से इतर हुई इस बैठक में जयशंकर ने वांग यी से कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी का सम्मान करना और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना अहम है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत के इस नजरिए को भी दोहराया कि दोनों पक्षों के बीच संबंध आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता पर आधारित होने चाहिए। भारत और चीन के बीच, पिछले चार साल से पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच इन नेताओं के इस बैठक को बहुत अहम माना जा रहा है। अप्रैल, मई 2020 में शुरू हुए विवाद के बाद से कोर कमांडर स्तर की वार्ता में दोनों देश सीमा विवाद को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।
बहरहाल, जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर गुरुवार को लिखा- आज सुबह सीपीसी पोलित ब्यूरो के सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी से अस्ताना में मुलाकात की। सीमा क्षेत्रों में बचे हुए मुद्दों के शीघ्र समाधान पर चर्चा की। कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से प्रयासों को दोगुना करने पर सहमति बनी। उन्होंने आगे लिखा- एलएसी का सम्मान और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना अहम है। आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित हमारे दोपक्षीय संबंधों को मार्गदर्शन करेंगे। भारत का मानना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता दोनों देशों के बीच सामान्य संबंधों के लिए अहम है।