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गिचपिच बजट में बातों की भरमार !

नई दिल्ली। लोकसभा के गिचपिच चुनाव नतीजों की तरह मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट भी छोटी-छोटी घोषणाओं की पेचीदा गिचपिच है। चू-चू का मुरब्बा है। महंगाई, बेरोजगारी और मंदी जैसी प्रमुख समस्याओं में से किसी पर समग्र फोकस के बजाय बजट 2024-25 में तमाम मसलों पर छोटी-छोटी घोषणाएं है। बजट में आर्थिक सुधारों और निवेश को ले कर बड़ी निर्णायक घोषणा नहीं है। बजट 2024-25 से मध्यम वर्ग, बेरोजगारों के लिए पैकेज तथा आंध्रप्रदेश और बिहार में समर्थक दलों को खुश करने का मैसेज है।  

मध्यम वर्ग के लिए कथित न्यू टैक्स रिजीम की स्टैंडर्ड छूट में हल्की सी वद्धि है इससे वेतनभोगी वर्ग को साल में कोई 25 हजार रू का लाभ होगा। ऐसे ही टैक्स स्लेब में भी मामूली बदलाव है। जबकि लॉंग टर्म कैपिटल गेन की रेट को बढ़ाया गया है। बजट में निवेश, बचत के लिए कोई खास पहल नहीं है। तभी बजट के बाद शेयर बाजार का रूख ठंडा था। 

बजट में राजनैतिक तकाजे में चंद्रबाबू नायडु और नीतिश कुमार को खुश करने के लिए आंध्रप्रदेश और बिहार को एक लाख करोड़ रू की सीधी मदद का आवंटन है। तीसरा पहलू बेरोजगारों के लिए कुछ करने का मैसेज बनवाने के लिए दो लाख करोड रू की पांच स्कीमों के पैकेज की घोषणा है। इस पर कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहां है कि उनके घोषणापत्र में जो आईडिया थे, उनकी कॉपी-पेस्ट कर सरकार ने स्कीमं बनाई है। 

बजट 2024-25 में न किसी क्षेत्र विशेष पर फोकस है और न इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे, मझौले-छोटे उद्योंगों के लिए नए बड़े ऐलान है। प्रतिकात्मक घोषणाओं और पुरानी योजनाओं में आवंटन बढ़ाने की रूटीन बजटीय कवायद है। वित्त मंत्री ने बजट में ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है।

बजट में मनरेगा को  पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान के बराबर ही आवंटन मिला है, जो वित्त वर्ष 2023 में खर्च की गई राशि से कम है. बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। वित्त मंत्री ने अगले दो वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि पद्धतियों से परिचित कराने की बात कही है। सीतारमण ने बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन क्लस्टर को बढ़ावा देने और कृषि में जलवायु-अनुकूल किस्मों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने की घोषणा की। वहीं, शिक्षा बजट में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की कटौती करते हुए 1.20 लाख करोड़ रुपये रखा गया है।

वित्त मंत्री ने बताया है कि  बजट में हम विशेष रूप से रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई और मध्यम वर्ग और पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल विकास और अन्य अवसर उपलब्ध कराने की योजनाओं और उपायों के लिए पांच साल की अवधि में दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का निर्धारण है।

बजट में स्टार्टअप में सभी श्रेणी के निवेशकों के लिए एंजल करसमाप्त करने की घोषणा हुई है। साथ ही मोबाइल फोन और सोने पर कस्टम ड्यूटी में कुछ कटौती की गई है।   वित्त मंत्री ने बिहार के लिए एक्सप्रेसवे, बिजलीघर, हेरिटेज कॉरिडोर और नए हवाई अड्डों जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर 60,000 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की है। आंध्र प्रदेश के लिए बहुपक्षीय एजेंसियों के माध्यम से वित्तीय सहायता में 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।  

सीतारमण ने कहा कि सरकार का राजकोषीय घाटा 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह 2024-25 के लिए फरवरी में पेश अंतरिम बजट में अनुमानित 5.1 प्रतिशत से कम है। इसका कारण मजबूत कर संग्रह और भारतीय रिजर्व बैंक से अपेक्षा से अधिक लाभांश प्राप्ति है।

वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन करोड़ किफायती आवास इकाइयों के निर्माण के लिए सहायता, छोटे और मझोले उद्यमों को कर्ज सहायता प्रदान की गई है।

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

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