नई दिल्ली। विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ की चौथी बैठक में मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस की नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सबको चौंका दिया। बैठक में ममता ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने का प्रस्ताव रखा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया। हालांकि खुद खड़गे ने इस मसले पर फुलस्टॉप लगाते हुए कहा कि पहले सब मिल कर लड़ें और जीतें तब बाकी चीजें तय कर लेंगे।
सभी पार्टियों के लिए यह हैरान की बात इसलिए थी क्योंकि सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना होते समय कोलकाता हवाईअड्डे पर ममता बनर्जी ने कहा था कि विपक्ष की ओर से किसी को चेहरा बनाने की जरुरत नहीं है। लेकिन 24 घंटे के अंदर ही उन्होंने खड़गे के नाम का प्रस्ताव कर दिया। बहरहाल, विपक्षी गठबंधन की चौथी बैठक मंगलवार को नई दिल्ली में हुई, जिसमें 28 पार्टियों के नेता शामिल हुए। बताया जा रहा है कि बैठक में तृणमूल कांग्रेस और कुछ अन्य पार्टियों ने सीट बंटवारे का काम 31 दिसंबर तक निपटाने की डेडलाइन तय की।
इससे पहले ममता बनर्जी ने खड़गे को सिर्फ प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर पेश करने की बात नहीं कही, बल्कि यह भी कहा कि खड़गे को विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनाया जाए। हालांकि, खड़गे ने कहा कि वे सिर्फ वंचितों के लिए काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा- पहले चुनाव जीतकर आएंगे, उसके बाद पीएम उम्मीदवार तय करेंगे। माना जा रहा है कि दलित होने के नाते खड़गे के नाम का प्रस्ताव किया गया था। बैठक में सोनिया और राहुल गांधी के अलावा लालू प्रसाद, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, एमके स्टालिन, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव सहित सभी मुख्य विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए।
बहरहाल, विपक्षी गठबंधन की मंगलवार को करीब तीन घंटे तक चली बैठक में सीट बंटवारे पर विस्तार से चर्चा हुई। सीट बंटवारे का क्या फॉर्मूला होगा इस बारे में बातचीत हुई। इसके अलावा साझा प्रचार और गठबंधन के चुनावी एजेंडे, मुद्दे आदि को लेकर भी चर्चा हुई। चुनाव प्रबंधन के बारे में भी बातचीत हुई। बताया जा रहा है कि संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी पार्टियों के सांसदों के निलंबन के बारे में भी बैठक में बात हुई और सरकार के इस रवैए के खिलाफ साझा लड़ाई लड़ने पर सहमति बनी।
बैठक के बाद कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से बातचीत में कहा- चौथी मीटिंग में 28 पार्टियों ने हिस्सा लिया। नेताओं ने अपने विचार गठबंधन के सामने रखे। लोगों के हित में सब मिलकर किस ढंग से अपने को काम करना है या जो भी शुरू से मुद्दे को उठाना है, इस पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा- देश में कम से कम 8-10 मीटिंग करने का फैसला हुआ। खड़गे ने कहा- देश की संसद से सांसदों को निलंबित किया जा रहा है। यह अलोकतांत्रिक है। इसके लिए सबको मिल कर लड़ना होगा जिसके लिए हम तैयार हैं। 22 दिसंबर को देश भर में विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।