नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार महिला आरक्षण विधेयक से जुड़ी याचिका पर सुनवाई की। लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू करने की मांग इस याचिका में की गई है। यह याचिका कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने दायर की है। मामला जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच में सूचीबद्ध था। हालांकि पिछली सुनवाई की तरह केंद्र सरकार की तरफ से कोई वकील मौजूद नहीं था, इसलिए सुनवाई एक बार फिर स्थगित कर दी गई। अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी।
अदालत ने वकील की मौजूदगी न होने पर नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। गौरतलब है कि नारी शक्ति वंदन कानून 20 सितंबर को लोकसभा और 21 सितंबर 2023 को राज्यसभा से पारित हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2023 में इस मामले में नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया था और कहा था- नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक 2023 के प्रावधान को रद्द करना बहुत मुश्किल होगा, क्योंकि यह महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण देता है।
गौरतलब है कि जब तक जनगणना और परिसीमन की कवायद नहीं हो जाती, विधेयक लागू नहीं किया जाएगा। इसे तत्काल लागू करने के लिए दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि आरक्षण विधेयक लागू करने के लिए जनगणना और परिसीमन की कोई जरूरत नहीं, क्योंकि सीटों की संख्या पहले ही घोषित की जा चुकी है। ये संशोधन मौजूदा सीटों के लिए 33 फीसदी आरक्षण देता है। हमारे देश में यह माना जाता है कि 50 फीसदी आबादी महिलाओं की है, लेकिन चुनावों में उनका प्रतिनिधित्व केवल चार फीसदी है।