लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को श्यामगंज बाजार में पथराव की घटना हुई है। उत्तराखंड के हल्द्वानी में गुरुवार को हुए सांप्रदायिक दंगों के दूसरे दिन उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को हुई घटना से तनाव बढ़ गया है। हालांकि जिला प्रशासन का दावा है कि उसने स्थिति नियंत्रित कर ली है। गौरतलब है कि हल्द्वानी में एक अवैध मजार और मस्जिद तोड़े जाने की घटना के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए, जिसमें दो लोगों के मारे जाने और दर्जनों लोगों के घायल होने की खबर है। कई पुलिसकर्मी और कर्मचारी भी घायल हुए हैं। इलाके में कर्फ्यू लगा दी गई है। दंगाइयों ने सैकड़ों गाड़ियों में आग लगा दी थी, जिसके बाद दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश प्रशासन ने दिया था।
बहरहाल, इस घटना के अगले दिन शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में बरेली शहर में पथराव होने की खबर है। पत्थरबाजी करके माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया गया। बताया जा रहा है कि नारेबाजी का विरोध करने पर उपद्रवियों ने पथराव किया। पथराव से कई लोगों को चोट लगी। बरेली में बारादरी थाना क्षेत्र के श्यामगंज बाजार में उपद्रव हुआ। व्यापारियों ने बताया कि, उपद्रवियों ने दुकानदारों के साथ बदतमीजी की। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे और तहखाने में पूजा शुरू होने की घटना के विरोध में प्रदर्शन के बाद यह घटना हुई।
खबरों के मुताबिक ज्ञानवापी मामले पर इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल, बरेली शरीफ के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने जेल भरो की की अपील की थी। इसके बाद भारी भीड़ जमा हो गई और नारेबाजी करने लगी। इसका विरोध होने पर पथराव की घटना हुई। बरेली के कलेक्टर रवींद्र कुमार ने लोगों से शांति की अपील की और सभी समुदायों के लोगों को साथ लेकर शांति बहाल की। उपद्रवियों को गिरफ्तार नहीं किए जाने के सवाल पर कलेक्टर ने कहा- गिरफ्तारी की जरूरत नहीं थी। मौलाना आए, नमाज पढ़ी, अपने लोगों से मिले, मीडिया ब्रीफिंग की और चले गए।