प्रयागराज। ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में शुरू हुई पूजा-पाठ पर रोक लगाने के लिए हाई कोर्ट पहुंचे मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार की रात को शुरू हुई पूजा-पाठ पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को विशेष आदेश देते हुए जगह को संरक्षित करने को कहा है। साथ ही कहा है कि इस दौरान कोई नुकसान या निर्माण ना हो।
गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास जी तहखाने में 30 साल के बाद वाराणसी जिला अदालत के आदेश से बुधवार देर रात को पूजा हुई थी और गुरुवार से नियमित पूजा-पाठ शुरू हो गई है और श्रद्धालुओं ने दर्शन शुरू कर दिए हैं। मुस्लिम पक्ष इस पर रोक लगाने के लिए हाई कोर्ट पहुंचा था लेकिन उच्च अदालत ने रोक नहीं लगाई। अब इस मामले में अगली सुनवाई छह फरवरी को होनी है। इस बीच शुक्रवार को पूजा से पहले बड़ी संख्या में जुमे की नमाज के लिए लोग ज्ञानवापी में पहुंचे थे।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाने याचिका पर अनुमति नहीं दी। अदालत ने कहा कि मस्जिद समिति छह फरवरी तक अपनी अपील में संशोधन करे। साथ ही अदालत ने कहा कि वह ये देखेगी कि आखिर रिसीवर नियुक्त करने की इतनी क्या जल्दी थी। सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील ने अदालत को बताया कि हिंदू पक्ष के आवेदन को 17 जनवरी को रिसीवर नियुक्त करते हुए अनुमति दी गई। इसके बाद 31 जनवरी को पूजा की अनुमति देने का आदेश पारित किया गया।
इस पर अदालत ने मुस्लिम पक्ष से पूछा- आपने 17 जनवरी के आदेश यानी डीएम को रिसीवर नियुक्त करने को चुनौती नहीं दी है। 31 जनवरी का आदेश एक परिणामी आदेश है, जब तक उस आदेश को चुनौती नहीं दी जाएगी तब तक यह अपील कैसे सुनवाई योग्य होगी? कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से कहा कि आपने इसे पूरक हलफनामे के जरिए सामने रखा है। यह कोई रिट याचिका नहीं है। कोर्ट ने महाधिवक्ता से पूछा कि वहां की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछा जिस पर एडवोकेट जनरल ने अदालत को बताया कि वहां कानून व्यवस्था बनी हुई है।