चंडीगढ़। एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में पंजाब के राज्यपाल ने राज्य सरकार को राष्ट्रपति शासन लगा देने की चेतावनी दी है। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने मान से कुछ सवालों के जवाब देने को कहा है और साथ ही कहा है कि अगर जवाब नहीं मिलता है तो वे राष्ट्रपति को जानकारी देने के लिए मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने मान को लिखी चिट्ठी में कहा है- यह बताते हुए मुझे बहुत दुख हुआ कि मेरे पास यह विश्वास करने का कारण है कि राज्य में संवैधानिक मशीनरी फेल हो गई है।
गौरतलब है कि कई राज्यों में विपक्षी पार्टियों की सरकारों के साथ राज्यपालों का टकराव पहले से चल रहा है। अब पंजाब भी उसमें जुड़ गया है। पिछले दिनों विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ था। बहरहाल, राज्यपाल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को चिट्ठी लिख कर कहा है- राजभवन द्वारा मांगी गईं जानकारियां सरकार की ओर से नहीं दी जा रही हैं। ये संवैधानिक कर्तव्य का अपमान है। मुख्यमंत्री के इस आचरण पर मेरे पास कानून और संविधान अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचता।
राज्यपाल ने यह चिट्ठी असल में 15 अगस्त को लिखी थी, जो अब सामने आई है। राज्यपाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री को लिखी चिटठी में कहा है कि पंजाब में नशा चरम पर है। एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में दवा की दुकानों पर भी नशीले पदार्थ उपलब्ध हैं। यहां तक कि राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित शराब की दुकानों में भी नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं। हाल में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और चंडीगढ़ पुलिस ने एक साझा अभियान में लुधियाना से ड्रग्स बेचने वाले 66 शराब ठेकों को सील किया गया।
राज्यपाल ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि संसद की स्थायी समिति की हालिया रिपोर्ट बताती है कि पंजाब के अंदर हर पांच में से एक व्यक्ति नशे का आदि है। यह तथ्य पंजाब में कानून-व्यवस्था के चरमराने की ओर इशारा करते हैं। अब राज्य के अंदर ग्रामीणों ने भी बड़ी संख्या में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं और खुद को नशे से बचाने के लिए अपनी ग्राम रक्षा समितियां बनाने का फैसला किया है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को ड्रग्स मामले पर राज्य सरकार की ओर से की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तुरंत उनके कार्यालय में भेजने के निर्देश भी दिए हैं।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लिखा है- संवैधानिक तंत्र की विफलता के बारे में संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति को अंतिम रिपोर्ट भेजने का फैसला करने और भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत आपराधिक कार्रवाई शुरू करने का फैसला करने से पहले मैं आपसे जरूरी जानकारी भेजने के लिए कह रहा हूं। मांग रहे हैं। साथ ही राज्य में ड्रग्स की समस्या से निपटने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी भी राज्यपाल कार्यालय को भेजी जाए। उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि ऐसा नहीं किए जाने की सूरत में उनके पास कानून और संविधान के अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।