नई दिल्ली। जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने में नई दिल्ली पहुंचे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने खालिस्तान समर्थकों के ऊपर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में किसी तरह से खालिस्तान या उग्रवाद को बरदाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों पर भारत की चिंताओं का जवाब देते हुए कहा कि खालिस्तान समर्थक कट्टरवाद से निपटने के लिए ब्रिटेन भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने रूस-यूक्रेन जंग पर भी बड़ा बयान दिया और इसे रूस का अवैध आक्रमण बताया। उनके इस रुख से लग रहा है कि जी-20 के सम्मेलन में पश्चिमी ब्लॉक रूस और यूक्रेन जंग के मसले पर रूस की तीखी आलोचना करेगा।
बहरहाल, इससे पहले शुक्रवार को सुनक अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ नई दिल्ली पहुंचे। प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है। भारत पहुंचने के बाद एक इंटरव्यू में सुनक ने कहा- मुझे स्पष्ट रूप से कहना चाहिए कि यूके में किसी भी प्रकार का उग्रवाद या हिंसा स्वीकार्य नहीं है। इसलिए हम बहुत करीब से काम कर रहे हैं। खास तौर पर हम खालिस्तान समर्थक उग्रवाद से निपटने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा- यह सही नहीं है और मैं इसे ब्रिटेन में बरदाश्त नहीं करूंगा।
प्रधानमंत्री सुनक ने कहा- हमारे सुरक्षा मंत्री हाल ही में भारत में अपने समकक्षों से बात कर रहे थे। हमारे पास खुफिया जानकारी साझा करने के लिए एक साथ काम करने वाले समूह हैं, ताकि हम इस तरह के हिंसक उग्रवाद को जड़ से उखाड़ फेंकें। रूस-यूक्रेन जंग के बारे में प्रधानमंत्री सुनक ने कहा- जब यूक्रेन और रूस की बात आती है, तो ये विनाशकारी प्रभाव को उजागर करता है। रूस के अवैध आक्रमण से दुनिया भर के लाखों लोगों पर असर पड़ रहा है। खासकर खाने-पीने की चीजों की कीमतों पर इसका प्रभाव देखा जा सकता है।
सुनक ने रूस की आलोचना करते हुए कहा- रूस ने हाल ही में अनाज समझौते से हाथ खींच लिया है, हम यूक्रेन से दुनिया भर के कई गरीब देशों में अनाज भेज रहे हैं। अब आपने देखा है कि खाने-पीने की चीजों की कीमतें बढ़ रही हैं। इससे लाखों लोगों को परेशानी हो रही है। यह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि वे लोगों को रूस के अवैध युद्ध के प्रभाव के बारे में जागरूक करेंगे। जी-20 सम्मेलन का जिक्र करते हुए सुनक ने कहा कि भारत के पैमाने, विविधता और असाधारण सफलताओं का मतलब है कि ये जी-20 की अध्यक्षता के लिए सही समय पर सही देश है।