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जननायक कर्पूरी ठाकुर सहित चार शख्सियतों को मिला भारत रत्न

भारत रत्न

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने देश की चार महान शख्सियतों- बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर (Karpuri Thakur), देश के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, किसानो के मसीहा कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और देश के प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया। Karpuri Thakur Bharat Ratna

राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में इन चारों विभूतियों को मरणोपरांत भारत रत्न (Bharat Ratna) से सम्मानित किया गया। गौरतलब है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को जननायक कहा जाता है।

सामाजिक न्याय की अवधारणा को सही मायनों में जमीन पर उतारने वाले कर्पूरी ठाकुर ने न केवल समाज के पिछड़े और वंचित वर्गों को सशक्त बनाने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई, बल्कि कांग्रेस द्वारा 1975 में देश पर थोपे गए आपातकाल का भी जमकर विरोध किया।

जेपी और डॉ. राममनोहर लोहिया (Ram Manohar Lohia) के करीबी कर्पूरी ठाकुर को आज भी बिहार में सम्मान के साथ याद किया जाता है। माना जा रहा है कि मोदी सरकार द्वारा उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किए जाने के फैसले को बिहारवासी अपने राज्य के लिए एक बड़ा सम्मान मान रहे हैं। देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को किसानों का मसीहा माना जाता है।

खासतौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कुछ इलाकों में उन्हें ऐसा मानने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किए जाने के ऐलान के बाद ही उनके पोते जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने विपक्षी गठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए गठबंधन में आने का फैसला किया। चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित करने के फैसले के कारण किसान मोदी सरकार से बहुत प्रभावित भी हुए हैं।

देश में उदारीकरण और आर्थिक सुधारों की शुरुआत करने वाले पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न देकर मोदी सरकार ने न केवल कई लोगों को चौंका दिया, बल्कि देश में विरोधी दल के नेताओं को भी भारत रत्न (Bharat Ratna) से सम्मानित करने की एक नई परंपरा की शुरुआत की। अविभाजित आंध्र प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले पीवी नरसिम्हा राव ने जीवन भर कांग्रेस में रहकर राजनीति की।

वह मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और देश के प्रधानमंत्री भी बने। उनको भारत रत्न से सम्मानित कर मोदी सरकार ने दक्षिण भारत के लोगों को एक बड़ा संदेश देने का काम किया। वहीं भारतीय कृषि के क्षेत्र में अहम योगदान देने वाले एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न (Bharat Ratna) देकर मोदी सरकार ने देश के किसानों को यह संदेश दे दिया कि उनकी भलाई और कृषि तकनीक के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्ति का भरपूर सम्मान उनके सरकार के कार्यकाल में किया जाता है।

ऐसा कर मोदी सरकार ने भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में प्रयास कर रहे सभी अन्वेषकों और वैज्ञानिकों को भी बड़ा संदेश देने और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने का काम किया है। सबसे बड़ी बात यह कि मोदी सरकार ने राजनीतिक दलों की सीमा से ऊपर उठकर योग्यता का सम्मान किया और साथ ही देश के हर हिस्से के साथ न्याय भी किया।

भारत रत्न (Bharat Ratna) से सम्मानित शख्सियतों में से दो – पीवी नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh), गैर-भाजपा पृष्ठभूमि से आते हैं, और इन दोनों नेताओं को भारत रत्न का सम्मान देना यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीतिक दलों की सीमा से ऊपर उठकर सिर्फ और सिर्फ योग्यता का सम्मान करते हैं और एक स्टेट्समैन की तरह काम करते हैं।

इसमें दक्षिण भारत का भी खास ध्यान रखा गया है। आज जिन महान हस्तियों को भारत रत्न दिया गया है उसमें से दो- पीवी नरसिम्हा राव और डॉ. एमएस स्वामीनाथन, दक्षिण भारत से हैं। वहीं किसानों के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि आज जिन महान हस्तियों को भारत रत्न दिया गया है, उनमें से दो -चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) और डॉ. एमएस स्वामीनाथन ने कृषि और किसानों के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में इन चारों विभूतियों को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर (Karpuri Thakur) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया। स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर के पुत्र रामनाथ ठाकुर ने यह सम्मान प्राप्त किया।

पीवी नरसिम्हा राव को भी मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उनके पुत्र पीवी प्रभाकर राव ने राष्ट्रपति से यह सम्मान प्राप्त किया। वहीं देश के एक और पूर्व प्रधानमंत्री एवं किसानों के मसीहा माने जाने वाले चौधरी चरण सिंह को भी मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति भवन (President House) में आयोजित कार्यक्रम में उनके पोते जयंत चौधरी ने यह सम्मान प्राप्त किया।

देश के प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भी (मरणोपरांत) भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उनकी बेटी डॉ. नित्या राव ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यह सम्मान प्राप्त किया। इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित केंद्र सरकार के कई मंत्री एवं अन्य गण्यमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

आपको बता दें कि, देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) को भी भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया जाना है। लेकिन अस्वस्थ होने के कारण वह शनिवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए। बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार,31 मार्च को लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) के घर जाकर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करेंगी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सहित कई अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति भी मौजूद रह सकते हैं।

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By NI Desk

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