नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। पहले दो दिन सभी नए सांसदों की शपथ दिलाई जाएगी और उसके अगले दिन स्पीकर का चुनाव होगा। तीन दिन के बाद राज्यसभा का भी सत्र शुरू होगा, जिसके पहले दिन राष्ट्रपति दोनों सदनों की साझा बैठक को संबोधित करेंगी। संसद का यह सत्र तीन जुलाई तक चलेगा। 10 दिन के इस सत्र में दो दिन की छुट्टी होगी और कुल आठ बैठकें होंगी।
लोकसभा का सत्र शुरू होते ही सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब राष्ट्रपति भवन जाकर शपथ लेंगे। इसके बाद वे सुबह 11 बजे लोकसभा पहुंचेंगे। शुरुआत के दो दिन, यानी 24 और 25 जून को प्रोटेम स्पीकर महताब नए सांसदों को शपथ दिलाएंगे। इसके बाद 26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव होगा। 27 जून को राज्यसभा का 264वां सत्र शुरू होगा। इसी दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों के साझा सत्र को संबाधित करेंगी।
राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ ही तीसरे दिन की कार्यवाही समाप्त हो जाएगी। चौथे दिन यानी 28 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों सदनों में अपने मंत्रियों का परिचय कराएंगे। इसके बाद दो दिन की छुट्टी होगी। आखिरी तीन दिन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सरकार की ओर से पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी और प्रधानमंत्री दोनों सदनों में जवाब देंगे। इसके साथ ही सत्र का समापन हो जाएगा। सरकार जल्दी ही बजट सत्र की घोषणा करेगी।
विपक्षी पार्टियां संसद सत्र के दौरान कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। विपक्षी पार्टियों ने नीट की परीक्षा में हुई गड़बड़ी, तीन आपराधिक कानूनों को लागू करने, लोकसभा चुनाव के बाद शेयर बाजार में हुई कथित गड़बड़ी आदि के आरोपों पर हंगामा कर सकता है। उससे पहले विपक्ष ने प्रोटेम स्पीकर को लेकर भी विवाद शुरू कर दिया है। ओडिशा से लगातार सात बार चुनाव जीते भाजपा के सांसद भर्तृहरि महताब प्रोटेम स्पीकर बने हैं। कांग्रेस ने अपने आठ बार के सांसद के सुरेश को स्पीकर बनाने की मांग की थी।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि कांग्रेस के सांसद लगातार नहीं जीते हैं, इसलिए उनकी वरिष्ठता का आधार नहीं बनता। प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए पांच सांसदों को राष्ट्रपति ने पीठासीन अधिकारी बनाया है। इनमें कांग्रेस के के सुरेश, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, डीएमके के टीआर बालू और भाजपा से राधा मोहन सिंह व फगन सिंह कुलस्ते का नाम शामिल है। हालांकि विपक्ष के तीनों सांसदों ने 22 जून को प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के विरोध में अपना नाम वापस ले लिया।