नई दिल्ली। दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी इलॉन मस्क के बाद अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम का मुद्दा उठाया है। उन्होंने इसे ब्लैक बॉक्स बताते हुए कहा है कि किसी भी व्यक्ति को इसकी जांच की अनुमति नहीं है। उन्होंने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि देश की चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। उन्होंने परोक्ष रूप से चुनाव आयोग को भी निशाना बनाया है और कहा कि जब संस्थाओं में जवाबदेही कम हो जाती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता और धोखाधड़ी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
असल में एक दिन पहले शनिवार यानी 15 जून को दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी इलॉन मस्क ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- ईवीएम को खत्म कर देना चाहिए। इसे व्यक्तियों या आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए हैक किए जाने का खतरा है। हालांकि ये खतरा कम है, फिर भी बहुत ज्यादा है। अमेरिका में इससे वोटिंग नहीं करवानी चाहिए। उन्होंने यह बात प्यूर्टो रिको में हुए चुनाव में ईवीएम की गड़बड़ियां सामने आने के बाद कही। उसके बाद भारत में भी इस पर चर्चा शुरू हुई है।
भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इसका जवाब देते हुए कहा- मस्क के मुताबिक, कोई भी सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बना सकता, ये गलत है। उनका बयान अमेरिका और अन्य स्थानों पर लागू हो सकता है, जहां वे इंटरनेट से जुड़ी वोटिंग मशीन बनाने के लिए नियमित कंप्यूटर प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। चंद्रशेखर ने कहा कि भारतीय ईवीएम सुरक्षित हैं और किसी भी नेटवर्क या मीडिया से अलग हैं। कोई कनेक्टिविटी नहीं, कोई ब्लूटूथ, वाईफाई, इंटरनेट नहीं। यानी कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में इसे हैक करना संभव नहीं है। इसके बाद उन्होंने पोस्ट में लिखा- इलॉन, हमें ट्यूटोरियल चलाकर खुशी होगी।
वही दूसरी ओर विपक्षी नेताओं ने इसका मुद्दा फिर उठाया है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इलॉन मस्क की पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए कहा कि आगे से सारे चुनाव बैलेट बॉक्स से होने चाहिए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी मस्क की पोस्ट को रीपोस्ट किया और साथ ही ‘मिड डे’ अखबार में छपी खबर की भी तस्वीर डाली। इसमें लोकसभा चुनाव के बाद वोटों की गिनती से जुड़ी मुंबई की एक घटना का जिक्र है। दरअसल, मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से एनडीए की ओर से शिवसेना शिंदे गुट के प्रत्याशी रविंद्र वायकर के साले मंगेश पंडिलकर चार जून को पाबंदी के बावजूद एक चुनाव अधिकारी का मोबाइल लेकर गोरेगांव के काउंटिंग सेंटर के अंदर गए थे। विपक्ष ने दावा किया कि वे इसके जरिए ईवीएम हैकिंग कर रहे थे। इस सीट पर उद्धव ठाकरे गुट के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर सिर्फ 48 वोट से हारे। यह इस बार लोकसभा चुनाव में सबसे कम अंतर का नतीजा रहा।