नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड के जरिए चंदा पाने वाले सभी राजनीतिक दलों को बुधवार की शाम तक इसका पूरा ब्योरा चुनाव आयोग के पास जमा करना होगा। चुनाव आयोग ने अपनी समय सीमा समाप्त होने से एक दिन पहले मंगलवार को सभी पार्टियों को एक बार फिर चिट्ठी लिखी। आयोग ने सभी दलों को याद दिलाया कि चुनावी बॉन्ड का ब्योरा जमा करने की आखिरी तारीख 15 नवंबर है। सभी पार्टियों को 15 नवंबर की शाम को पांच बजे तक सीलबंद लिफाफे में चुनावी बॉन्ड से मिले चंदे का पूरा ब्योरा जमा करना होगा।
इससे पहले चुनावी बॉन्ड के मामले पर सुनवाई के बाद दो नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से चंदे की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 30 सितंबर, 2023 तक चुनावी बॉन्ड के जरिए पार्टियों को जितना धन मिला है, उसका ब्योरा सीलबंद कवर में अदालत में पेश किया जाए। इसके एक दिन बाद तीन नवंबर को चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों से 15 नवंबर तक ब्योरा जमा कराने को कहा था। मंगलवार को चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों को रिमाइंडर भेज कर याद दिलाया कि बुधवार शाम पांच बजे तक वे ब्योरा जमा करें।
चुनाव आयोग ने ऐसी सभी पार्टियों से ब्योरा मांगा है, जिन्हें कभी भी चुनावी बॉन्ड के जरिए कोई चंदा मिला है। इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की शुरुआत के बाद से मिले तमाम चंदों का ब्योरा आयोग के पास जमा कराना होगा। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से बॉन्ड खरीदने वाले सभी लोगों का विस्तृत ब्योरा मांगा है। ऐसे हर बॉन्ड की राशि और हर बॉन्ड के बदले मिले पैसे का पूरा ब्योरा सीलबंद लिफाफे में देना है।
चुनाव आयोग की ओर से भेजे पत्र में कहा गया है कि ब्योरा दो सीलबंद लिफाफे में भेजा जाना चाहिए। एक विधिवत सीलबंद लिफाफे में चंदे का ब्योरा होना चाहिए। दूसरे विधिवत सीलबंद लिफाफे में पहले लिफाफे को रखा जाएगा। राजनीतिक चंदों का तमाम ब्योरा चुनाव व्यय प्रभाग के सचिव को भेजा जाएगा। चुनाव आयोग ने कहा कि सीलबंद लिफाफे 15 नवंबर की शाम तक उसके पास पहुंच जाने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए निर्देश के मुताबिक चुनाव आयोग को दो हफ्ते के भीतर चुनावी बॉन्ड की जानकारी अदालत को देनी है। गौरतलब है कि इस मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की इस बात पर हैरानी जताई थी कि नागरिकों को पार्टियों को मिले चंदे का स्रोत जानने का अधिकार नहीं है।