नई दिल्ली। दुनिया के सबसे गंदे शहरों में तो दिल्ली पहले से शामिल था लेकिन अब इसको दुनिया का सर्वाधिक प्रदूषित शहर होने का तमगा भी मिल गया है। रविवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण के सारे रिकॉर्ड टूट गए। स्विस ग्रुप आईक्यूएयर के रियल टाइम डाटा के मुताबिक, रविवार सुबह पौने 12 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 701 दर्ज किया गया। सुबह साढ़े बजे दिल्ली का एक्यूआई 483 था। वर्ल्ड एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के तीन शहर शामिल हैं। इनमें दिल्ली टॉप पर है।
दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली के बाद दूसरे स्थान पर पाकिस्तान का शहर लाहौर है। कोलकाता तीसरे और मुंबई पांचवें नंबर पर है। गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली और पूरे राजधानी क्षेत्र में पिछले चार दिनों से हवा जहरीली बनी हुई है। इसे देखते हुए दिल्ली में सख्त उपाय लागू करने का फैसला हुआ है। दिल्ली सरकार ने सभी प्राइमरी स्कूलों को 10 नवंबर तक बंद करने का आदेश दिया है। दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया पोस्ट में प्राइमरी स्कूल बंद करने की सूचना देने के साथ बताया कि छठी से 12वीं तक के छात्रों के लिए भी ऑनलाइन क्लास करने पर विचार हो रहा है।
इससे पहले सीएम अरविंद केजरीवाल ने तीन और चार नवंबर को स्कूल बंद करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही सरकार ने वायु प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश और निर्माण कार्य पर पाबंदी लगा दी है। केंद्र सरकार की तरफ से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप-चार को लागू कर दिया है। गौरतलब है कि दिल्ली में पिछले चार दिन एक्यूआई चार सौ के आसपास या इससे ऊपर यानी गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में एक्यूआई पांच सौ या उससे ऊपर भी पहुंच गया।
दिल्ली में प्रदूषण के खराब स्तर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लुएचओ की तय सीमा से करीब एक सौ गुना ज्यादा है। एक दिन में 25 से 30 सिगरेट पीने जितना खतरनाक इसे बताया जा रहा है। बहरहाल, रविवार की दोपहर दिल्ली के वजीरपुर इलाके में एक्यूआई का स्तर 859 मापा गया, जो बेहद खतरनाक स्तर माना जाता है।
अगर बात हवा में मौजूद सबसे खतरनाक प्रदूषण यानी पीएम 2.5 के स्तर की करें तो दिल्ली-एनसीआर में मौजूदा समय में ये डब्लुएचओ की ओर से तय मानक से 96 गुना ज्यादा है। दिल्ली में आमतौर पर वायु प्रदूषण का यह स्तर दिवाली के बाद होता है लेकिन इस बार दिवाली से पहले ही प्रदूषण के रिकॉर्ड टूट रहे हैं। अगर यह स्थिति कायम रही तो जल्दी ही दिल्ली में ऑड-इवन की व्यवस्था लागू करनी होगी।