नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर का इलाका एक बार फिर गैस चैम्बर में तब्दील हो गया है। शुक्रवार को पूरी दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक चार सौ अंक के आसपास रहा। इसे ‘गंभीर श्रेणी’ का माना जाता है। शुक्रवार को पूरे दिन दिल्ली के लोगों को सूर्य के दर्शन नहीं हुए और आसमान में धूल की मोटी परत छाई रही। इसे देखते हुए दिल्ली में ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान यानी ग्रैप का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है। पूरी दिल्ली में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है और प्राथमिक स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
इस बार दिवाली से पहले दिल्ली में हवा का प्रदूषण ‘गंभीर श्रेणी’ में पहुंच गया। इस बीच मौसम वैज्ञानिकों ने अगले दो सप्ताह के दौरान दिल्ली और एनसीआर के इलाके में प्रदूषण का स्तर बढ़ने की चेतावनी जारी की है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता बिगड़ने के साथ ही अस्पतालों में सांस के मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। इसे देखते हुए चिकित्सकों ने सांस संबंधी समस्याओं के बढ़ने की चेतावनी जारी की है। इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से अपील की है कि वे सक्रिय हों और सभी राज्यों के लिए एक साझा योजना बनाएं।
बहरहाल, दिल्ली के कई इलाकों में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 450 के पार दर्ज किया गया। हवा की गुणवत्ता बहुत खराब होने से नरेला में एक्यूआई 488, मुंडका में 498, बवाना में 496 और पंजाबी बाग में 484 तक पहुंच गई। दिल्ली सरकार ने हालात की समीक्षा के लिए शुक्रवार को एक आपात बैठक बुलाई। शुक्रवार की शाम तक दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकां 402 हो गया था, जो इस पूरे मौसम में अभी तक सबसे ज्यादा दर्ज किया गया। इससे पहले बुधवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 364 था।
दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए फिलहाल प्राइमरी स्कूलों को दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। दिल्ली नगर निगम ने एक अलग आदेश में कहा कि उसके स्कूलों में कक्षाएं अगले दो दिनों तक नहीं संचालित की जाएंगी। एमसीडी ने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के आदेश के अनुसार, यह फैसला किया गया। सिर्फ दिल्ली ही नहीं पड़ोसी राज्य हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हवा जहरीली हो गई है। हरियाणा और पंजाब में कई जगहों पर एक्यूआई ‘खराब’ और ‘बहुत खराब’ श्रेणियों में दर्ज किया गया।