नई दिल्ली/कोलकाता। बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान रेमल से बचाव की तैयारियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक की। उन्होंने तैयारियों की समीक्षा की और जानमाल का नुकसान रोकने के निर्देश दिए। इससे पहले मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवात रेमल रविवार को देर रात तक तूफान में बदल जाएगा। मौसम विभाग के मुताबिक रेमल 13 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बंगाल की खाड़ी में उत्तर की ओर बढ़ रहा है।
मौसम विभाग ने बताय है कि रविवार रात 12 बजे के बाद यह तूफान बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में सागर आइलैंड और बांग्लादेश के खेपुपाड़ा के बीच तट से टकराएगा। इस दौरान करीब 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। समुद्र तट से इसके टकराने के वक्त बंगाल की खाड़ी में डेढ़ मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं। बंगाल और बांग्लादेश के निचले इलाकों में पानी भरने की आशंका है। इसलिए मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल यानी एनडीआरएफ की 12 टीमें तैनात की हैं और पांच अतिरिक्त टीम को तैयार रखा गया है। जहाजों और विमानों के साथ सेना, नौसेना और तटरक्षक बल की टीम भी इमरजेंसी के लिए मुस्तैद है। तूफान के कारण कोलकाता का नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट रविवार दोपहर 12 बजे से सोमवार सुबह नौ बजे तक के लिए बंद कर दिया गया है। इसके चलते 394 उड़ाने रद्द कर दी गई हैं। इस सीजन में बंगाल की खाड़ी में बनने वाला यह पहला प्री मॉनसून चक्रवात है। रेमल तूफान को यह नाम ओमान ने दिया है। रेमल अरबी शब्द है, जिसका मतलब होता है- रेत।
तूफान को देखते हुए पश्चिम बंगाल में एक लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन और एनडीआरएफ की 16 बटालियन को तटीय क्षेत्रों में तैनात किया गया है। इसके अलावा राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों के लिए खाने पीने की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी तूफान की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।