नई दिल्ली। लंदन की अदालत में एस्ट्राजेनेका कंपनी द्वारा कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट की बात स्वीकार करने के बाद अब कोविशील्ड का मामला भारत की सर्वोच्च अदालत में पहुंच गया है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स की विशेषज्ञों द्वारा जांच कराने के आदेश देने की मांग की गई है। इसके लिए विशेषज्ञ समिति बनाने की भी मांग की गई है। एडवोकेट विशाल तिवारी की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया कि वैक्सीन लगाने के बाद किसी को नुकसान पहुंचा तो उन्हें हर्जाना देने का सिस्टम बनाया जाए।
गौरतलब है कि भारत में सबसे पहली कोविड वैक्सीन कोविशील्ड है। इसे पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ने बनाया है। कोविशील्ड का फॉर्मूला ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका से लिया गया है। एस्ट्राजेनेका ने पिछले दिनों लंदन की अदालत में माना है कि उनकी वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट्स हैं। कंपनी ने कहा है- कुछ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी टीटीएस हो सकता है। इस बीमारी से शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है।
एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटिश अदालत में माना है कि उसकी वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट्स हैं लेकिन साथ ही कहा है कि ऐसे मामले बेहद दुर्लभ हैं। एक अनुमान के मुताबिक 10 लाख लोगों में से किसी एक में साइड इफेक्ट देखने को मिल सकते हैं। हालांकि कोरोना महामारी के बाद से भारत में जिस तरह युवा लोगों के हार्ट फेल हो रहे हैं और लोगों की चलते फिरते मौत हो रही है उसे देखते हुए लोगों की चिंता बढ़ी है। इस बीच कंपनी के साइड इफेक्ट की बात स्वीकार करने के बाद चिंता बढ़ गई है। गौरतलब है कि भारत में ज्यादातर लोगों को यही वैक्सीन लगी है। इसकी कोई 175 करोड़ डोज लोगों को लगी है।
ब्रिटिश अदालत में कंपनी के साइड इफेक्ट्स की बात स्वीकार करने के बाद कोविशील्ड की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई। इस याचिका में कहा गया है कि कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की जांच के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की कमेटी बनाने के निर्देश जारी किए जाएं। यह भी मांग की गई है कि इस पैनल में एम्स दिल्ली के विशेषज्ञ डॉक्टर भी हों। पैनल की अध्यक्षता एम्स दिल्ली के डायरेक्टर से कराने और जांच की निगरानी का जिम्मा सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज को सौंपने की मांग भी इस याचिका में की गई है। इसमें कहा गया है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स का पता लगाने के साथ साथ गंभीर नुकसान होने पर प्रभावित लोगों को मुआवजा देने का सिस्टम बनाने की भी मांग इस याचिका में की गई है।