नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को कांग्रेस संसदीय दल की बैठक की संबोधित करते हुए देश में लोकतंत्र की स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया है। उन्होंने संसद के दोनों सदनों से 143 सदस्यों के निलंबन पर कहा- इससे पहले कभी इतनी बड़ी संख्या में सांसदों को सस्पेंड नहीं किया गया था, वो भी एक वाजिब मांग रखने के लिए। गौरतलब है कि 14, 18, 19 और 20 दिसंबर को लोकसभा और राज्यसभा से 143 सांसद निलंबित हुए हैं। इसमें सबसे ज्यादा कांग्रेस के 57 सांसद हैं।
पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में हुई संसदीय दल की बैठक में सोनिया गांधी ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा- 13 दिसंबर को जो हुआ वह स्वीकार्य नहीं है और उसे सही नहीं ठहराया जा सकता है। इस मामले पर देश को संबोधित करने में प्रधानमंत्री को चार दिन लग गए, वो भी उन्होंने संसद के बाहर किया। ऐसा करके उन्होंने संसद की गरिमा के प्रति तिरस्कार और देश की जनता के प्रति अपनी उपेक्षा जाहिर की है।
हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में कांग्रेस की हार पर सोनिया गांधी ने कहा- यह कहना कम होगा कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनावों के नतीजे हमारी पार्टी के लिए बेहद निराशाजनक रहे। इन चुनावों में हमारे खराब प्रदर्शन के कारणों को समझने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष ने पहले राउंड की समीक्षा शुरू कर दी है। इन समीक्षाओं से जो सबक मिलेंगे वो हम अपनाएंगे। इस समय हमारे सामने बहुत बड़ी चुनौती है, फिर भी मुझे यकीन है कि हमारे साहस और लगातार कोशिशों से हमें सफलता मिलेगी।