नई दिल्ली। चार साल से ज्यादा लंबे समय के इंतजार के बाद आखिरकार संशोधित नागरिकता कानून यानी सीएए लागू होने जा रहा है। इसे मार्च के पहले हफ्ते में लागू किया जा सकता है। सरकार ने इसे लागू करने की तैयारी कर ली है। इसके नियम बन गए हैं और किसी भी समय इसकी अधिसूचना जारी हो सकती है। कानून लागू होने के बाद भारत के तीन पड़ोसी देशों- पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। Citizenship Amendment Act CAA
जानकार सूत्रों के मुताबिक सरकार ने नियम तैयार कर लिए हैं और संशोधित कानून के तहत नागरिकता के आवेदन के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार हो गया है। गौरतलब है कि नागरिकता के लिए सारे आवेदन ऑनलाइन ही किए जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सारी तैयारियां कर ली हैं और पोर्टल का ड्राई रन यानी ट्रायल भी हो चुका है। इस कानून के जरिए तीन पड़ोसी देशों के उन शरणार्थियों को मदद दी जाएगी, जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं। ध्यान रहे मंत्रालय को लंबी अवधि के वीजा के लिए सबसे ज्यादा आवेदन पाकिस्तान से मिले हैं।
बहरहाल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पिछले दो महीने में दो बार कह चुके हैं कि सीएए लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह देश का कानून है। इसे कोई रोक नहीं सकता। गौरतलब है कि संसद ने सीएए पर 11 दिसंबर 2019 को मुहर लगाई थी। लेकिन सरकार ने इस कानून को लागू करने के लिए नियम नहीं बनाए थे। नियम बनाने की समय सीमा आठ बार बढ़ाई जा चुकी है। लोकसभा चुनाव से पहले सरकार राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील इस कानून को लागू करने जा रही है।
गौरतलब है कि 11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पास हआ था। इसके पक्ष में 125 और विरोध में 99 वोट पड़े थे। इसके एक दिन बाद 12 दिसंबर 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। उसके बाद पूर देश में इसका भारी विरोध हुआ। दिल्ली के शाहीन बाग में कई महीने तक आंदोलन चलता रहा था। लेकिन उसी समय केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि यह कानून किसी की नागरिकता छीनने वाला नहीं है।
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