नई दिल्ली। चंद्रयान-तीन के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा से जानकारी इकट्ठा कर उसे भेजना शुरू कर दिया है। लैंडर विक्रम ने जो पहला वैज्ञानिक डाटा वहां से भेजा है उसमें चंद्रमा की सतह और सतह के नीचे के तापमान के बारे में बताया है। इसमें बताया गया है कि इसका तापमान तेजी से बदलता है। मिसाल के तौर पर चंद्रमा की सतह पर 50 डिग्री तापमान है लेकिन महज 80 मिलीमीटर नीचे तापमान माइनस 10 डिग्री है। बहरहाल, इस तरह का वैज्ञानिक डाटा हासिल करना चंद्रयान-तीन मिशन की बड़ी सफलता है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो ने बताया है कि विक्रम लैंडर की थर्मल जांच में रिकॉर्ड किया गया कि सतह पर, सतह के पास और चंद्रमा की सतह पर गहराई में तापमान कैसे बदलता है। इसरो ने चंद्रमा की सतह और उसके नीचे के तापमान को मापने की वैज्ञानिक विधि के बारे में भी जानकारी दी। चंद्रमा पर कोई वायुमंडल नहीं है और चंद्रमा की सतह पर तापमान काफी अलग होता है। इसरो ने इसकी विविधताओं को एक ग्राफ के रूप में पेश किया।
गौरतलब है कि विक्रम लैंडर 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरा था। इसके साथ भारत चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में उतरने वाला एकमात्र देश बन गया। जिस तरह पर विक्रम लैंडर उतरा था उसको बाद में शिव शक्ति प्वाइंट नाम दिया गया। इससे पहले इसरो ने शनिवार को कहा कि चंद्रयान-तीन ने अपने तीन उद्देश्यों में से दो पूरे कर लिए हैं। पहला, सॉफ्ट लैंडिंग और दूसरा चंद्रमा की सतह पर रोवर का घूमना।