नई दिल्ली। चंडीगढ़ मेयर के चुनाव में हुई कथित धांधली को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फिर नाराजगी जताई है। सर्वोच्च अदालत ने चुनाव के समय पीठासीन अधिकारी रहे अनिल मसीह के खिलाफ मुकदमा चलाने की अपनी बात को दोहराया है और चुनाव के बैलेट पेपर तलब किए हैं। अब सुप्रीम कोर्ट खुद बैलेट पेपर देखेगा। इस मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग गंभीर मामला है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई हुई, जिसमें पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने माना है कि उन्होंने बैलेट पेपर पर क्रॉस का निशाना लगाया। उन्होंने अदालत को बताया है कि जो बैलेट पेपर अवैध थे उन्होंने उसी पर क्रॉस का निशान लगाया। लेकिन अदालत उनकी इस बात का संतुष्ट नहीं है। अब मसीह बुधवार को अदालत में पेश होंगे। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार दोपहर दो बजे इस मामले की सुनवाई होगी।
प्रियंका राज्यसभा नहीं मिलने से नाराज?
सर्वोच्च अदालत ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से बैलेट पेपर मांगे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पर्याप्त सुरक्षा के साथ बैलेट पेपर लाने को कहा है। साथ ही काउंटिंग का पूरा वीडियो तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर मसीह दोषी पाए गए तो कानूनी कार्रवाई करेंगे। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मसीह से पूछा कि आपने कुछ बैलेट पेपर पर एक्स मार्क लगाया या नहीं, जवाब में उन्होंने कहा कि हां आठ पेपर पर लगाया। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि आपको सिर्फ साइन करना चाहिए था, आपने किस अधिकार से निशान लगाए।
बसपा अब पूरी तरह से अकेले
इस मामले में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने सुनवाई की। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पांच फरवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव के मामले में दखल दिया था और चुनाव के सारे रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को रिकॉर्ड सुरक्षित करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग अफसर को कड़ी फटकार लगाई थी और चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि रिटर्निंग अफसर ने जो किया है, वो लोकतंत्र की हत्या जैसा है।