लखनऊ। कंचनजंघा एक्सप्रेस हादसे के ठीक एक महीने बाद गुरुवार को चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। गुरुवार को करीब ढाई बजे दिन में उत्तर प्रदेश में गोडा में इस एक्सप्रेस ट्रेन की 21 बोगियां पटरी से उतर गईं, जिनमें से कई पलट गईं। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई है और करीब 25 लोग घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि दो घायलों के पैर कट गए हैं। पटरी से उतरने वाली बोगियों में पांच एसी बोगियां थीं और ज्यादातर घायल इन्हीं बोगियों के बताए जा रहे हैं। हादसे के बाद यात्री खिड़की के कांच तोड़कर बाहर कूदे।
यह ट्रेन चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही थी। हादसा झिलाही रेलवे स्टेशन के बीच गोसाई डिहवा में हुआ। सूचना मिलते ही रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत व बचाव का काम शुरू हो गया। राज्य आपदा मोचन बल यानी एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई। ट्रेन के अंदर फंसे लोगों को बोगियां काट कर निकाला गया। हादसे की जगह राजधानी लखनऊ से 185 किलोमीटर है लेकिन हादसे के बाद लखनऊ सहित तमाम रेलवे स्टेशनों पर अफरातफरी की स्थिति बन गई।
घटना के बाद पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार ने बताया कि लोको पायलट ने हादसे के पहले धमाके की आवाज सुनी थी। रेल मंत्रालय ने मृतकों के परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान किया है। गंभीर रूप से घायलों को ढाई लाख और मामूली घायलों को 50 हजार रुपए की मदद दी जाएगी। इसके साथ ही रेलवे की ओर से हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
गोंडा में रेल हादसे के बाद कई जगह ट्रेनें रोक दी गईं। करीब 10 ट्रेनों का रूट बदला गया। इस वजह से लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर अफरातफरी मच गई। यहां करीब 10 हजार यात्री काफी देर तक फंसे रहे। गुवाहाटी जम्मू तवी एक्सप्रेस करीब पांच घंटे लखनऊ जंक्शन पर खड़ी रही। फिर उसे मनकापुर-अयोध्या-बाराबंकी रूट से निकाला गया। केंद्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने हादसे की जानकारी देते हुए कहा- हम अभी मौके से आ रहे हैं। जितनी सहायता हो सकती है, वो की जा रही है। जिले के सभी अधिकारी घटनास्थल पर हैं। अभी मैं घायलों से मिलने अस्पताल आया हूं। डॉक्टर, स्टाफ की पूरी व्यवस्था है। जो गंभीर घायल हैं, उन्हें इलाज के लिए बड़े अस्पतालों में भेजा गया है।