नई दिल्ली। ब्रिटिश वैक्सीन एस्ट्राजेनेका के बाद अब पता चल रहा है कि भारत में स्वदेशी तकनीक से बनी कोवैक्सीन के भी कई साइड इफेक्ट्स हैं। यह भी बताया जा रहा है कि भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन लेने वाले 30 फीसदी लोगों में किसी न किसी तरह के साइड इफेक्ट्स मिले हैं। अंग्रेजी अखबार ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ ने साइंस जर्नल ‘स्प्रिंगरलिंक’ में प्रकाशित हुई एक रिसर्च के हवाले से इस बारे में जानकारी दी है।
रिसर्च के मुताबिक, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी यानी बीएचयू में हुए एक अध्ययन में हिस्सा लेने वाले लगभग एक तिहाई लोगों में कोवैक्सीन के साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं। इन लोगों में सांस संबंधी संक्रमण, रक्त का थक्का बनना और स्किन से जुड़ी बीमारियां देखी गईं। शोधकर्ताओं ने पाया कि टीनएजर्स, खास तौर पर किशोरियों और किसी भी एलर्जी का सामना कर रहे लोगों को कोवैक्सीन से खतरा है। हालांकि कुछ दिन पहले कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने कहा था कि उनकी बनाई हुई वैक्सीन सुरक्षित है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कोवैक्सीन के दो डोज लगवाए थे।
बताया गया है कि इस ममले में 1,024 लोगों पर स्टडी हुई। इनमें से 635 किशोर और 291 वयस्क शामिल थे। स्टडी के मुताबिक, 304 यानी 47.9 फीसदी किशोरों और 124 यानी 42.6 फीसदी वयस्कों में सांस संबंधी संक्रमण देखे गए। इससे लोगों में सर्दी, खांसी जैसी समस्याएं देखी गईं। स्टडी में पाया गया कि स्टडी में हिस्सा लेने वाले 10 फीसदी से ज्यादा किशोरों में स्किन से जुड़ी बीमारियां देखी गईं।