लखनऊ। लोकसभा चुनाव में अब तक लगभग पूरी तरह से निष्क्रिय दिख रही बहुजन समाज पार्टी ने रविवार को उम्मीदवारों की दो सूची जारी की। 16 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने के पांच घंटे के बाद ही पार्टी ने नौ और उम्मीदनारों की सूची जारी की।
बसपा की पहली सूची में तीन सुरक्षित सीटों के लिए अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के साथ सात मुस्लिम उम्मीदवारों के नाम थे। जब इस सूची का विश्लेषण शुरू हुआ तो पार्टी ने नौ और उम्मीदवारों की सूची जारी की, जिसमें अनुसूचित जाति के चार, दो ब्राह्मण और तीन ओबीसी नाम हैं।
बसपा प्रमुख मायावती ने पहली और दूसरी दोनों सूचियों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीटों पर ज्यादा ध्यान दिया है। दूसरी सूची में कानपुर से कुलदीप भदौरिया, आगरा से पूजा अमरोही और मथुरा से कमलकांत को टिकट दिया है। पार्टी ने हाथरस से हेमबाबू धनगर, फतेहपर सीकरी से राम निवास शर्मा, फिरोजाबाद से सतेंद्र जैन सौली, इटावा से सारिका सिंह बघेल, अकबरपुर से राजेश कुमार द्विवेदी और जालौन से सुरेश चंद्र गौतम को मैदान में उतारा है।
इससे पांच घंटे पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 16 नामों की पहली लिस्ट जारी की थी। पहली सूची में सात मुस्लिम चेहरे थे। रामपुर से जीशान खां, सहारनपुर से माजिद अली और मुरादाबाद से इरफान सैफी, संभल से शौलत अली, अमरोहा से मुजाहिद हुसैन, आंवला से आबिद अली और पीलीभीत से अनीस अहमद खां उर्फ फूलबाबू हैं।
मायावती ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम प्रत्याशियों पर दांव लगाया है। इस चुनाव में बसपा ने किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं किया। मायावती ने अकेले ही सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। 2019 में बसपा ने सपा और रालोद के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था, जिसमें बसपा ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी।