लंदन। अबकी बार चार सौ पार का नारा तो भारत में लोकसभा के चुनाव में कारगर नहीं हुआ लेकिन ब्रिटेन में लेबर पार्टी ने चार सौ का आंकड़ा पार कर लिया। ब्रिटेन में हुए संसदीय चुनाव में चार सौ से ज्यादा सीटें लेकर 14 साल बाद लेबर पार्टी सत्ता में लौटी है। भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कमान में लड़ी कंजरवेटिव पार्टी को दो सौ साल की सबसे करार हार मिली है। कंजरवेटिव पार्टी के चुनाव हारने के थोड़ी देर बाद ही सुनक ने इस्तीफा दे दिया और अपनी पत्नी के साथ 10, डाउनिंग स्ट्रीट छोड़ कर चले गए।
लेबर पार्टी के 61 साल के कीर स्टार्मर देश के 58वें प्रधानमंत्री बने हैं। चुनाव नतीजों के बाद सुनक ने हार स्वीकार कर पार्टी से माफी मांगी। उन्होंने स्टार्मर को भी फोन कर जीत की बधाई दी। इससे पहले चार जुलाई को ब्रिटेन की संसद के निचले सदन यानी हाउस ऑफ कॉमन्स की कुल 650 सीटों के लिए मतदान हुआ था। पांच जुलाई को आए नतीजों में लेबर पार्टी ने 412 सीटें पर जीत दर्ज की है। दो सीटों के नतीजे शनिवार को आएंगे। सरकार बनाने के लिए 326 सीटों की जरूरत होती है।
ऋषि सुनक की कंजरवेटिव पार्टी 120 सीटों पर सिमट गई। यह कंजरवेटिव पार्टी की पिछले दो सौ सालों में सबसे बड़ी हार है। नतीजों के बाद नए प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा- चाहे आपने हमें वोट किया हो या नहीं मेरी सरकार आप सब के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा- नेताओं और लोगों के बीच की खाई से जनता की उम्मीद खो गई थी। देश की धड़कन थकने लगी थी। अब रीसेट का समय आ गया है। हालांकि, हालातों को बदलने में समय लगेगा। स्टार्मर ने कहा- मैं एक एक ईंट जोड़कर देश को फिर से बनाऊंगा। मैं लोगों के लिए काम करने वाली सरकार में आप सब का स्वागत करता हूं। मैं तब तक लड़ता रहूंगा जब तक आप सरकार में भरोसा नहीं कर लेते।
गौरतलब है कि ऋषि सुनक ने समय से छह महीने पहले आम चुनावों कराए। लेकिन उनको इसका फायदा नहीं मिला। हालांकि वे खुद दो सीटों से चुनाव लड़े थे और दोनों पर जीत गए। उनसे पहले थोड़े समय के लिए प्रधानमंत्री रहीं लीज ट्रस चुनाव हार गईं। बहरहाल, नतीजों के बाद कीर स्टार्मर ने किंग चार्ल्स से मुलाकात की और उसके बाद 10, डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचे। वहां उन्होंने अपने समर्थकों से मुलाकात की।
स्टार्मर ने कहा- मैं अभी बकिंघम प्लेस से लौटा हूं। मैंने इस महान देश की सरकार बनाने के लिए किंग के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। मैं ऋषि सुनक को उनके पहले एशियाई मूल के प्रधानमंत्री बनने के लिए धन्यवाद देता हूं। उसके लिए जो उन्होंने अतिरिक्त मेहनत की है, उसे नकारना नहीं चाहते। हम उनकी मेहनत को सलाम करते हैं।