नई दिल्ली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश को लेकर भारतीय जनता पार्टी में चल रही खींचतान थम नहीं रही है और इस बीच पार्टी के शीर्ष नेताओं ने प्रदेश के राजनीतिक हालात पर मंथन शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के एक दिन बाद प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी दिल्ली पहुंचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद अमित शाह भी मोदी से मिलने पहुंचे और दोनों के बीच करीब डेढ़ घंटे तक बातचीत हुई। इसी बीच लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात की।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश भाजपा में पिछड़ों के सबसे बड़े नेता केशव प्रसाद मौर्य लगातार बगावती तेवर अपनाए हुए हैं। वे परोक्ष रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निशाना बना रहे हैं और बार बार कह रहे हैं कि संगठन सरकार से बड़ा होता है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 14 जुलाई को लखनऊ गए थे, जहां चुनाव नतीजों की समीक्षा की एक बड़ी बैठक हुई थी। उसमें भी पार्टी की अंदरूनी खींचतान हुई थी। इस मीटिंग के दो दिन बाद ही मौर्य दिल्ली पहुंचे और मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष नड्डा से मुलाकात की।
इस मुलाकात का ब्योरा सामने नहीं आया है लेकिन इसके एक दिन बाद बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। उन्होंने उत्तर प्रदेश में सरकार और संगठन के बीच मौजूदा खींचतान और लोकसभा चुनाव की समीक्षा की रिपोर्ट दी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बीच प्रधानमंत्री आवास में डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक बैठक चली। प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को पार्टी मुख्यालय जाने वाले हैं, जहां वे चुनाव की तैयारी करने वाली टीम के साथ चाय पर चर्चा करेंगे।
बहरहाल, लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा के बहुत खराब प्रदर्शन के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निशाने पर हैं। पार्टी के अनेक नेता नौकरशाही को कठघरे में खड़ा करने के बहाने योगी पर निशाना साध रहे हैं। भाजपा के नेताओं के साथ साथ सहयोगी पार्टियों के नेता भी परोक्ष रूप से मुख्यमंत्री और उनकी सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। लेकिन योगी की ओर से इस मामले में आधिकारिक रूप से कोई बयान नहीं दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे। इसे शिष्टाचार भेंट बताया जा रहा है। उन्होंने विनायक दामोदर सावरकर पर लिखी किताब राज्यपाल को भेंट की। इससे पहले योगी ने उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव को लेकर मंत्रियों के साथ बैठक की। बताया जा रहा है कि इन 10 सीटों के चुनाव नतीजों से बहुत कुछ उत्तर प्रदेश की राजनीति तय होगी। इसलिए मुख्यमंत्री चुनावों की घोषणा के पहले ही तैयारियों में जुट गए हैं।