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भाजपा ने तय किए केंद्रीय पर्यवेक्षक

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा को क्रमश: राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पार्टी विधायक दल के नेता, मुख्यमंत्रीचुनने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए।

विधायक दल के नए नेता अपने राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे। तीनों राज्यों में विधायक दल की बैठक इस सप्ताहांत होने की संभावना है।पार्टी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक राजस्थान में विधायक दल के नेता के चयन के लिए राजनाथ सिंह के अलावा राज्यसभा सदस्य सरोज पांडे और पार्टी महासचिव विनोद तावड़े को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।

भाजपा के भीतर इस बात की चर्चा जोरों पर है कि पार्टी दो बार मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे के दावों को नजरअंदाज कर सकती है और उनकी जगह किसी नए चेहरे को राज्य की कमान सौंप सकती है।वहीं, जानकारों का कहना है कि सिंह को राजस्थान का पर्यवेक्षक इसलिए बनाया गया है क्योंकि वसुंधरा की गिनती उनके करीबियों में होती है।

भाजपा के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार सिंह से भाजपा नेतृत्व को उम्मीद है कि वह उनकी पसंद के अनुरूप मुख्यमंत्री पद पर आम सहमति बनाने में मदद कर सकते हैं।ऐसा इसलिए है क्योंकि कई विधायकों को राजे का समर्थन करते हुए देखा जा रहा है।

खट्टर के साथ पार्टी के ओबीसी मोर्चा के प्रमुख के. लक्ष्मण और राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़ा भी मध्य प्रदेश की बैठक में शामिल होंगे, जबकि मुंडा के साथ केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और भाजपा महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम छत्तीसगढ़ के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक होंगे।

पिछले दिनों संपन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत दर्ज की थी। पार्टी ने इन चुनावों में मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा नहीं की थी।मध्य प्रदेश में जहां भाजपा ने दो-तिहाई बहुमत के साथ बड़ी जीत हासिल की, वहां वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दावा सबसे मजबूत माना जा रहा है लेकिन पार्टी के भीतर राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की भी एक राय है।

सूत्रों ने कहा कि भाजपा छत्तीसगढ़ में किसी ओबीसी या आदिवासी नेता को बागडोर सौंपने पर विचार कर रही है। सूत्रों ने कहा कि लता उसेंडी, गोमती साय और रेणुका सिंह जैसे अनुसूचित जनजाति वर्ग के नेता शीर्ष पद के लिए स्वाभाविक दावेदार हैं। प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और नौकरशाह से राजनेता बने ओपी चौधरी भी पिछड़ी जातियों से हैं।छत्तीसगढ़ के लिए तीन पर्यवेक्षकों में से दो आदिवासी समुदाय से हैं जबकि गौतम अनुसूचित जाति से आते हैं।

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