पटना। बिहार में नीतीश कुमार के महागठबंधन छोड़ने की अटकलों के बीच लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने बड़ा उलटफेर करने का संकेत दिया है। बताया जा रहा है कि राजद नेता जोड़-तोड़ जुटे हैं ताकि नीतीश को भाजपा के साथ सरकार बनाने से रोका जा सके। जानकार सूत्रों के मुताबिक राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने शनिवार को पार्टी विधायक दल की बैठक में जोर देकर कहा कि वे दो दिन में तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाएंगे। उन्होंने अपनी पार्टी के कोटे के मंत्रियों से यह भी कहा है कि वे अभी इस्तीफा न दें।
बिहार के राजनीतिक हालात को देखते हुए लालू प्रसाद ने विधायकों की बैठक बुलाई थी, जिसमें उन्होंने विधानसभा का गणित समझाते हुए कहा कि नीतीश के अलग होने पर भी महागठबंधन को सिर्फ सात विधायकों की जरुरत होगी। गौरतलब है कि विधानसभा के स्पीकर राजद कोटे से हैं और इस आधार पर राजद के नेता दावा कर रहे हैं कि जदयू के कुछ विधायक बागी हो जाएंगे और स्पीकर उनको अलग गुट की मान्यता दे देंगे।
बहरहाल, शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर हुई बैठक में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के साथ राज्य विधानमंडल के सदस्यों सहित वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। बताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव ने बैठक में कहा- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सम्माननीय हैं। लेकिन कई चीजें हैं जो उनके नियंत्रण में नहीं हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने यह भी कहा कि ‘बिहार में अभी खेल होना बाकी है’।
गौरतलब है कि नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यू के एनडीए में जाने के बाद उसके विधायकों की संख्या 128 हो जाएगी। दूसरी ओर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के एक विधायक को जोड़ कर राजद गठबंधन के विधायकों की संख्या 115 होती है। बिहार विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा 122 है। इसका मतलब है कि महागठबंधन को कम से कम सात और विधायकों की जरुरत होगी। नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जाने के बाद यह काम आसान नहीं होगा।