पटना। बिहार में नीतीश कुमार की नई सरकार बन गई है और साथ ही अगस्त 2022 में सरकार से बाहर हुई भारतीय जनता पार्टी की सत्ता में वापसी हो गई है। रविवार की शाम को पांच बजे राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अरलेकर ने नीतीश कुमार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनके साथ भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इन तीन के अलावा छह और मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शपथ समारोह में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्रियों के अलावा जनता दल यू की ओर से विजय चौधरी, विजेंद्र यादव और श्रवण कुमार मंत्री बने हैं, जबकि भाजपा की ओर से प्रेम कुमार को मंत्री बनाया गया है। एनडीए की सहयोगी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन को और निर्दलीय सुमित कुमार सिंह को भी शपथ दिलाई गई है। इस तरह मुख्यमंत्री के अलावा कुल आठ लोगों को रविवार को शपथ दिलाई गई। मंत्रिमंडल का विस्तार सरकार के बहुमत साबित करने के बाद होगा।
इससे पहले रविवार की सुबह भाजपा विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता और विजय सिन्हा को उप नेता चुना गया। उधर मुख्यमंत्री आवास में जनता दल यू के विधायकों की भी बैठक हुई, जिसके बाद नीतीश कुमार ने जकर राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा। थोड़ी देर के बाद नीतीश कुमार भाजपा नेताओं के साथ फिर राजभवन गए और सरकार बनाने का दावा किया। उन्होंने भाजपा के 78, जदयू के 45, हिंदुस्तान आवाम मोर्च के चार और एक निर्दलीय विधायक सहित 128 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा।
राज्यपाल को इस्तीफा सौंपकर राजभवन से लौटने के बाद नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से बात की और कहा- मैंने आज मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपनी पुरानी सहयोगी राजद का नाम लिए बगैर कहा- सबकी राय आ रही थी, हमने सबकी बात सुनी और फिर फैसला किया है। यह सोच समझकर और पार्टी की राय के बाद लिया गया निर्णय है। नीतीश कुमार ने कहा- गठबंधन में स्थिति ठीक नहीं लग रही थी। लोग दावा कर रहे थे कि सब कुछ वो लोग ही कर रहे हैं, हमारी पार्टी के ये बात सबको खराब लग रही थी। राजद पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा- गठबंधन कोई कुछ काम नहीं कर रहा था, हर तरफ हम ही सब कुछ कर रहे थे। हमको लगा कि ये सब सही नहीं है कि सिर्फ हम ही काम करें, इसलिए ये फैसला लिया कि इस्तीफा दे देते हैं। गौरतलब है कि नीतीश ने विपक्षी पार्टियों को एकजुट किया था और गठबंधन बनाया था। विपक्षी गठबंधन की पहली बैठक पटना में ही हुई थी। इसलिए उनका अलग होना ‘इंडिया’ के लिए बड़ा झटका है।