नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को बड़ी राहत दी है। सर्वोच्च अदालत ने जातीय गणना और सामाजिक, आर्थिक सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इस मामले में दो याचिकाएं दायर हुई थीं, जिन पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जातीय गणना पर फिलहाल रोक लगाने के आदेश देने से इनकार कर दिया। इसका मतलब है कि बिहार में जातीय गणना के दूसरे चरण का काम जारी रहेगा।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई टाल दी है। अब इस मामले में 14 अगस्त को अगली सुनवाई होगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि देरी होने से इसका काम पूरा हो जाएगा। इस पर अदालत ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि काम 80 फीसदी हुआ है और आगे 90 फीसदी हो जाएगा। गौरतलब है कि पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार को राहत देते हुए एक अगस्त के फैसले में बिहार सरकार के जातिगत जनगणना को सही ठहराया था।
हाई कोर्ट ने जातीय गणना के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था और कहा था कि इस मामले में सरकार का फैसला वैध है। हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। बिहार के एक गैर सरकारी संगठन और नालंदा के रहने वाले एक व्यक्ति ने इस फैसले को चुनौती देते हुए कहा था कि जनगणना कराने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार को है।