कोलकाता। ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे के ठीक एक साल बाद पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है। सोमवार की सुबह करीब नौ बजे एक मालगाड़ी ट्रेन ने सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर के बाद कंचनजंगा एक्सप्रेस के पिछले तीन डब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई है और करीब 60 लोग घायल हुए हैं। हादसा न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के पास हुआ। पिछले साल जून में बालासोर में ट्रेन हादसा हुआ था, जिसमें करीब तीन सौ लोगों की मौत हुई थी।
बहरहाल, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुद हादसे की जगह पहुंच कर मुआयना किया और कहा कि इसकी जांच होगी। उन्होंने हादसे का शिकार हुए लोगों के मुआवजे का ऐलान किया। रेलवे के अधिकारियों की ओर से बताया गया है कि मरने वालों में दो लोको पायलट और एक गार्ड भी है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने रेलवे के सूत्रों के हवाले से बताया है कि रेलवे के आंतरिक दस्तावेज में इस बात का खुलासा हुआ है कि ऑटोमेटिक सिग्नल खराब था, इस वजह से मालगाड़ी का ड्राइवर आगे बढ़ गया। रेड सिग्नल काम ही नहीं कर रहे थे।
बताया जा रहा है कि मालगाड़ी के ड्राइवर को सभी रेड सिग्नल पार करने की मंजूरी दी गई थी। इससे पहले रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने कहा था कि मालगाड़ी के लोको पायलट ने सिग्नल ओवरशूट किया, जिसके कारण वह कंजनजंगा एक्सप्रेस से टकरा गई। हादसे के तुरंत बाद सेना एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई थी और शाम तक राहत व बचाव का काम पूरा कर लिया गया था।
ईस्टर्न रेलवे की ओर से बताया गया है कि कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन के आखिरी में दो पार्सल और एक एसएलआर कोच लगे हुए थे। इसमें कोई यात्री नहीं था। ट्रेन के पांच डिब्बे क्षतिग्रस्त होने की खबर है। ट्रेन में अधिकतर यात्री मालदा और बोलपुर के थे। उन्हें आगे ले जाने के लिए एक विशेष ट्रेन भेजी गई। दोपहर बाद सिंगल लाइन पर ट्रेन सेवा शुरू कर दी गई।
बहरहाल, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना में जान गंवाने वाले लोगों को 10 लाख रुपए, गंभीर घायलों को ढाई लाख रुपए और मामूली घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इसके अलावा हादसे में मारे गए लोगों को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए मदद का ऐलान किया गया है।