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ग्रीन पटाखों पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी दिल्ली में सर्दियों में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी है लेकिन अदालत की चिंता खत्म नहीं हुई है। सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि पटाखों के सोर्स का पता कर कार्रवाई की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर पाबंदी के बाद ग्रीन पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल के मामले में सुनवाई की। अदालत ने इस पर सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया है। गौरतलब है कि पटाखों पर पाबंदी के खिलाफ भाजपा सांसद मनोज तिवारी सुप्रीम कोर्ट गए थे लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी।

बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि पटाखे चलाने वाले लोगों पर सिर्फ कार्रवाई ही काफी नहीं है। आपको पटाखों के सोर्स का पता लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। अदालत ने कहा कि आपको शुरुआत में ही कार्रवाई करनी होगी। पटाखे चलाने के बाद कार्रवाई करने का कोई फायदा नहीं है। दिल्ली पुलिस की तरफ से एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि साल 2016 के बाद दिल्ली पुलिस ने किसी को लाइसेंस नहीं दिया है। इस पर अदालत ने कहा कि चूंकि साल 2016 के बाद से ही पटाखों पर बैन है, लिहाजा लाइसेंस देने का वैसे भी सवाल नहीं उठता।

इस बीच देश में ग्रीन पटाखों को मंजूरी दी जाए या नहीं इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट पहले ही कह चुका है कि पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा सकते हैं, ऐसे में जिन जगहों पर प्रदूषण का स्तर ठीक नहीं है, वहां पटाखों का इस्तेमाल न हो और जहां पर पर्यावरण कुछ ठीक है, वहां ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन हानिकारक पदार्थों का इस्तेमाल न किया गया हो। अदालत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि जिन राज्यों ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है उसमें कोर्ट कोई भी हस्तक्षेप नहीं करेगा।

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