अयोध्या। दिवाली से एक दिन पहले शनिवार को दीपोत्सव के मौके पर अयोध्या में फिर एक नया रिकॉर्ड बना है। इस साल सातवें दीपोत्सव के मौके पर सरयू के किनारे राम की पैड़ी से जुड़े 51 घाटों पर 22 लाख 23 हजार दीप जला कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया गया। अगले साल जनवरी में राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा से पहले हुए दीपोत्सव के इस आयोजन में अतिरिक्त उत्साह देखने को मिला।
सरयू के किनारे होलोग्राफिक लाइट के सहारे राम कथा सुनाई गई। 23 लाख से ज्यादा दीप जलाने के लिए एक लाख पांच हजार लीटर सरसों तेल का इस्तेमाल किया गया। इस भव्य आयोजन को देखने के लिए 50 से ज्यादा देशों के राजदूत भी अयोध्या पहुंचे थे। पिछले साल सरयू तट पर 15 लाख 76 हजार दीप जलाने का विश्व रिकॉर्ड बना था। शनिवार की शाम को हुए दीपोत्सव के कार्यक्रम से पहले भगवान राम के वन से लौटने का प्रतीकात्मक आयोजन हुआ।
शनिवार की सुबह भगवान राम के अयोध्या आगमन को प्रतीकात्मक रूप में दिखाते हुए भव्य शोभा यात्रा निकली गई। दोपहर में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण पुष्पक विमान से अयोध्या पहुंचे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी का स्वागत किया। इसके बाद भगवान राम को रामकथा पार्क लाया गया। वहां उनका राज्याभिषेक हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम का राज तिलक किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा- 2017 में जब दीपोत्सव का कार्यक्रम शुरू हुआ था। तब आप लोगों का उत्साह देखकर ऐसा लगता था। जैसे हर व्यक्ति की एक ही तमन्ना है। उस समय अयोध्यावासियों की ओर से तब एक ही नारा गूंजता था। तब आपकी एक ही आवाज आई थी। योगी जी एक काम करो और मंदिर का निर्माण करो। वही उत्साह की परीक्षा की घड़ी आज उतर प्रदेश वासियों की आज चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान राम के 14 साल के वनवास की स्मृतियों को अविस्मरणीय बनाने के लिए आज अयोध्या में दीपोत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा- हमने बदली हुई अयोध्या देखी और देख रहे हैं। अगले दो महीने में रामलला पांच सौ वर्ष बाद अपने स्थान पर विराजमान होंगे। अयोध्या धाम में सरकार की तरफ से तीस हजार करोड़ से ज्यादा की परियोजनाएं चल रही हैं। निजी क्षेत्र इससे अलग है। जब तक रामलला अयोध्या में विराजमान होंगे तब तक यहां 50 हजार करोड़ की योजनाएं मूर्त रूप लेते हुए दिखाई देंगी। इससे यहां रोजगार के ढेरों अवसर भी मिलेंगे।