नई दिल्ली। उत्तर भारत के तीन राज्यों में भाजपा ने तमाम अटकलों और एक्जिट पोल के अनुमानों को गलत साबित करते हुए भारी भरकम जीत हासिल की है। भाजपा ने मध्य प्रदेश में अपनी सत्ता बचा ली तो राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सत्ता कांग्रेस से छीन ली। मतदान के बाद एक्जिट पोल में सभी सर्वे एजेंसियों और मीडिया समूहों ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना जताई थी लेकिन वहां भी कांग्रेस हार गई है। राज्य के उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव खुद मामूली अंतर से चुनाव हार गए। राज्य में भाजपा को 55 और कांग्रेस को सिर्फ 35 सीटें मिली हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 68 सीटें जीती थीं। उसकी सीटें आधी रह गई हैं। भाजपा को उससे चार फीसदी वोट ज्यादा मिले।
भाजपा को सबसे बड़ी जीत मध्य प्रदेश में मिली है, जहां पार्टी 230 विधानसभा सीटों में से 166 सीट जीतने में कामयाब हुई है। पांच साल पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा हार गई थी। उसे 109 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस ने 114 सीटें जीती थीं। इस बार कांग्रेस को महज 63 सीटें मिली हैं। पिछली बार भाजपा और कांग्रेस के वोट में 0.13 फीसदी का अंतर था, जबकि इस बार भाजपा ने आठ फीसदी से ज्यादा अंतर से कांग्रेस को हराया। भाजपा को 48.69 फीसदी वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 40.44 फीसदी वोट मिले। गौरतलब है कि भाजपा ने मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा था, जबकि कांग्रेस ने कमलनाथ के चेहरे पर चुनाव लड़ा था।
राजस्थान में आखिरकार मुख्यमंत्री पद ने अशोक गहलोत को छोड़ दिया। चुनावों से पहले उन्होंने कहा था कि वे मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहते हैं लेकिन मुख्यमंत्री पद उनको नहीं छोड़ता। रविवार को आए नतीजों में कांग्रेस 69 सीटों पर रही, जबकि भाजपा ने 115 सीटें जीत कर पूर्ण बहुमत हासिल किया। राजस्थान में हर पांच साल पर सत्ता बदलने का पिछले 33 साल का रिवाज कायम रहा। अगर तीन राज्यों के चुनाव नतीजों की बात करें तो कांग्रेस की सबसे अच्छी लड़ाई राजस्थान में हुई। वहां कांग्रेस दो फीसदी वोट के अंतर से पीछे रही। राज्य में अन्य के खाते में 14 सीटें गईं। भारतीय आदिवासी पार्टी ने तीन, बहुजन समाज पार्टी ने दो और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने दो सीटें जीतीं। सात सीटों पर निर्दलीय जीते। राजस्थान में भाजपा ने सात सांसदों को चुनाव लड़ाया था, जिसमें से तीन हार गए हैं। नतीजों के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हार कबूल करते हुए कहा कि अच्छा काम करने के बावजूद पार्टी हार गई।
तीन राज्यों में जीत के साथ अब देश के 12 राज्यों में भाजपा की अपनी सरकार बन जाएगी। इसके अलावा चार राज्यों में उसकी सहयोगी पार्टियों के मुख्यमंत्री हैं। कुल मिला कर देश की आधी से ज्यादा आबादी वाले राज्यों में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों की सरकार हो जाएगी, जबकि कांग्रेस महज तीन राज्यों में सिमट गई। लोकसभा चुनाव से पहले आए इन नतीजों से भाजपा का मनोबल बढ़ेगा, जबकि कांग्रेस के लिए आग की राह मुश्किल होगी।