नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण में एक दिन के सुधार के बाद फिर वे वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई पांच सौ से ऊपर पहुंच गया है। राजधानी दिल्ली पिछले छह दिन से दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में नंबर एक पर बना हुआ है। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार कई कदम उठा रही है। बताया जा रहा है कि दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराई जाएगी ताकि धूल कणों को नीचे बैठाया जा सके। आईआईटी कानपुर ने इस बारे में एक विस्तृत प्रस्ताव दिल्ली सरकार को दिया है। बताया जा रहा है कि 20 नवंबर के आसपास दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है।
इसके अलावा दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों में अभी से सर्दियों की छुट्टियों की घोषणा कर दी है। पहले प्राइमरी स्कूल बंद किए गए थे और ऊपर की कक्षाओं में ऑनलाइन पढ़ाई की घोषणा की गई थी। लेकिन बुधवार को अरविंद केजरीवाल सरकार ने 20 नवंबर तक सर्दियों की छुट्टियां घोषित कर दीं। दिल्ली सरकार ने दिवाली के अगले दिन यानी 13 नवंबर से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू करने की घोषणा भी की है। इसके अलावा ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप-4 के तहत कई तरह की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं।
बहरहाल, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सीपीसीबी के मुताबिक, बुधवार सुबह सात बजे पंजाबी बाग में एक्यूआई 460, बवाना में 462, आनंद विहार में 452 और रोहिणी में 451 रिकॉर्ड किया गया। आनंद विहार में सात नवंबर को रात 10 बजे एक्यूआई 999 पहुंच गया था। बढ़ते प्रदूषण की वजह से दिल्ली में ग्रैप-4 लागू किया गया है। राजधानी में डीजल ट्रकों और निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
दिल्ली के लोगों के लिए इस बार संकट की एक बड़ी वजह हवा में जहरीली नाइट्रोजन डाइऑक्साइड गैस की बढ़ती मात्रा है। पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले इस साल दिल्ली में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड गैस की मात्रा काफी ज्यादा पाई गई है। ये जहरीली गैस गाड़ियों, बसों, ट्रकों और पावर प्लांट्स से निकलने वाले धुएं की वजह से हवा में ज्यादा फैलती है और फेफड़ों और श्वसन प्रणाली के लिए इसे बेहद घातक माना जाता है। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट, सीएसई के मुताबिक दिल्ली की हवा में जहरीली नाइट्रोजन डाइऑक्साइड गैस की मात्रा पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले इस साल 60 फीसदी ज्यादा पाई गई है।