श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में तीन नागरिकों की मौत के मामले को सेना ने गंभीरता से लिया है और इसकी जांच शुरू कर दी है। जांच शुरू होने से पहले सेना ने ब्रिगेडियर स्तर के एक अधिकारी का तबादला कर दिया है और तीन जवानों को भी उनकी ड्यूटी से हटा दिया गया है। इस बीच सोमवार को सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे पुंछ पहुंचे और उन्होंने सेना के कमांडरों से मुलाकात की। उन्होंने सभी सैन्य अधिकारियों को प्रोफेशनल तरीके से काम करने की नसीहत दी। सेना प्रमुख के पहुंचने से पहले ही सेना ने तीन नागरिकों की मौत के मामले में कार्रवाई करके जांच शुरू कर दी थी।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में 21 दिसंबर को सेना की दो गाड़ियों पर आतंकवादी हमला हुआ था। सुरनकोट इलाके में डेरा की गली और बफलियाज में हुए हमले में पांच जवान शहीद हो गए थे। आतंकवादियों ने अमेरिकी एम-4 कार्बाइन असॉल्ट राइफल से स्टील बुलेट फायर की थी। सैनिकों के शहीद होने के बाद सेना ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया था और पूछताछ के लिए आठ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया था। इन संदिग्धों में से तीन के शव 22 दिसंबर को मिले। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। बताया जा रहा है कि बाकी पांच लोग भी गंभीर रूप से घायल हैं।
आतंकवादी हमले में पांच जवानों के शहीद होने और तीन नागरिकों की मौत की घटना के बाद सेना प्रमुख मनोज पांडे सोमवार को पुंछ पहुंचे। सेना प्रमुख के दौरे से पहले ही सेना ने आरोपी जवानों के खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी शुरू कर दी है। सेना ने सुरनकोट बेल्ट के प्रभारी ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी और 48 राष्ट्रीय राइफल्स के तीन जवानों को मौजूदा ड्यूटी से हटा दिया है। इसके बाद घटना की जांच की जा रही है।
उधर पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए नागरिकों की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इसे देखते हुए पुंछ और राजौरी जिलों में शनिवार से मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर कर दी गई हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी, एनआईए की टीमें भी जांच कर रही हैं। मुठभेड़ के चार दिन बाद सोमवार को भी तलाशी अभियान जारी रहा। आतंकवादियों की तलाश के लिए राजौरी, पुंछ और बफलियाज में अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है।
सुरक्षा बलों ने जिन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत था, उनमें से सफीर अहमद, मोहम्मद शौकत और शब्बीर अहमद की लाश मिली है। उनके परिजन का आरोप है कि इन लोगों ने पिटाई के दौरान लगी चोटों के कारण दम तोड़ दिया। जवानों ने पूछताछ के दौरान इन लोगों के साथ सख्ती दिखाई थी, जिसके कथित वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर किए गए थे। इसके बाद सेना ने मामले को गंभीरता से लिया। जम्मू कश्मीर सरकार ने तीनों मृतकों के परिवार को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।