नई दिल्ली। दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद कश्मीरी नेता शेख अब्दुल राशिद और असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने शुक्रवार, पांच जुलाई को सांसद पद की शपथ ली। अदालत के आदेश पर दोनों शुक्रवार को पैरोल पर बाहर आए और संसद भवन में शपथ ली। 56 साल के इंजीनियर राशिद को शपथ लेने के लिए तिहाड़ जेल से दो घंटे की पैरोल मिली थी। वहीं, ‘वारिस पंजाब दे’ नाम के संगठन का प्रमुख रहे कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह को चार दिन की पैरोल मिली है।
शपथ लेने के बाद राशिद की परिवार से मुलाकात कराई गई और वापस तिहाड़ जेल ले जाया गया। राशिद जम्मू कश्मीर की बारामूला सीट से लोकसभा का चुनाव जीता है। अमृतपाल की भी परिवार से मुलाकात कराई गई है और उसके बाद असम ले जाया गया है। अमृतपाल पंजाब की खडूर साहिब सीट से चुनाव जीता है। दोनों ने जेल में रहते निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया और चुनाव जीते।
जेल में रहने के कारण दोनों 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में 24 और 25 जून को अन्य सांसदों के साथ शपथ नहीं ले सके थे। नए सांसद के लिए 60 दिन के अंदर शपथ लेना जरूरी होता है। ऐसा न होने पर उसकी सदस्यता जा सकती है। बहरहाल, दिल्ली पुलिस ने संसद में शपथ के बाद अमृतपाल की उसके परिवार से मुलाकात कराई। अपने पिता और चाचा के साथ उसने एक घंटे बिताए। इस दौरान सुरक्षाकर्मी भी वहां मौजूद रहे। अमृतपाल और राशिद दोनों को कई शर्तों के साथ अदालत ने जमानत दी थी।