नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दूसरे विपक्षी नेताओं की ओर से अग्निवीर योजना के विरोध में लगातार दिए जा रहे बयानों को ऐसा लग रहा है कि सरकार ने गंभीरता से लिया है। सरकार ने इस योजना में कुछ बदलावों का ऐलान किया है और अग्निवीरों के लिए कुछ बड़े फैसले किए हैं। केंद्र सरकार ने गुरुवार को फैसला किया कि पूर्व अग्निवीरों को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी सीआईएसएफ और सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ में 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा, इन्हें फिजिकल में भी छूट मिलेगी।
बीएसएफ के महानिदेशक, डीजी नितिन अग्रवाल और सीआईएसएफ की डीजी नीना सिंह ने इस बारे में जानकारी दी। हालांकि 18 जून 2022 को गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करके सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती में पूर्व अग्निवीरों को 10 फीसदी आरक्षण का फैसला किया था। बहरहाल, सीआईएसएफ की डीजी नीना सिंह ने कहा- भविष्य में कॉन्स्टेबलों की सभी भर्तियों में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी नौकरियां आरक्षित की जाएंगी। उन्हें फिजिकल टेस्ट नहीं देना होगा। पहले बैच को उम्र में पांच साल की छूट मिलेगी, लेकिन अगले बैच से ये छूट तीन साल की होगी।
बीएसएफ के डीजी नितिन अग्रवाल ने कहा- अग्निवीर योजना से जवानों को चार साल का अनुभव मिला है। वे पूरी तरह से अनुशासित और प्रशिक्षित हो चुके हैं। ये बीएसएफ के लिए बहुत अच्छा है। ट्रेनिंग के बाद, चुने गए अग्निवीरों को सीमा पर तैनात किया जाएगा। गौरतलब है कि सरकार ने 2022 में अग्निपथ योजना शुरू की थी। इसके तहत थल सेना, नौसेना और वायु सेना में चार साल के लिए नौजवानों को भर्ती किया जाता है। चार साल बाद जवानों को उनकी कार्यक्षमता के आधार पर पर 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी सेवा में लिया जाएगा।